भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में रेपो रेट में की गई वृद्धि के बाद, निवेशक शाॅर्ट टर्म इनकम फंड्स की ओर देख रहे हैं, ताकि वे उच्च एक्रुअल का लाभ पा सकें और अल्प अवधि के चलते इसमें आमदनी के स्थिर बने रहने की संभावना भी अधिक है।
ऐसा ही एक फंड है, यूटीआई शाॅर्ट टर्म इनकम फंड, जिसका उद्देश्य 4 वर्ष की औसत परिपक्वता अवधि के साथ मनी मार्केट सिक्योरिटीज और उच्च गुणवत्ता वाले डेब्ट के पोर्टफोलियो से निम्न जोखिम एवं उच्च तरलता वाला वाजिब रिटर्न प्रदान करना है। उच्च क्रेडिट क्वालिटी एवं पोर्टफोलियो विविधीकरण के चलते, यह फंड महत्वपूर्ण है।
यूटीआई शाॅर्ट टर्म इनकम फंड के फंड मैनेजर, सुधीर अग्रवाल बताते हैं, ‘‘अगले वर्ष के पूर्वार्द्ध में सीपीआई इनफ्लेशन को 5 प्रतिशत की ओर जाने की उम्मीदों के साथ, आरबीआई पर दरों को और अधिक बढ़ाने का दबाव हो सकता है, ताकि मुद्रास्फीति को इसके लक्ष्य के करीब लाया जा सके।
आगे, डाॅलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन के चलते आयातों की लागत बढ़ने के परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में सीपीआई में अपसाइड जोखिम हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में, निवेशकों को चाहिए कि वे शाॅर्ट टर्म इनकम फंड्स में निवेश के बारे में सोचें, क्योंकि ये फंड्स अधिक एक्रुअल के साथ निम्न अस्थिरता भी प्रदान करते हैं। हमारा निवेशकों के लिए यह सलाह है कि वे हमारे शाॅर्ट टर्म इनकम फंड पर ध्यान दें, जिनकी निवेश अवधि 1 से 3 वर्षों की है।’’
यूटीआई शाॅर्ट टर्म इनकम फंड अपने बेंचमार्क क्रिसिल शाॅर्ट-टर्म बाॅन्ड फंड इंडेक्स की तुलना में लगातार बढ़कर प्रदर्शन कर रहा है। इस फंड ने अपनी शुरूआत (31 अगस्त, 2018) के बाद से 7.63 प्रतिशत के बेंचमार्क रिटर्न के मुकाबले 8.64 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।