पिता : इतना उदास क्यों है बेटा ?
राजू : नहीं बता सकता आपको।
पिता : अपना दोस्त समझ के बता दे।
राजू : अच्छा ऐसा क्या ??? फिर सुन यार, तेरी भाभी I phone मांग रही है।
पिता- दे थप्पड़, दे थप्पड़, दे थप्पड़…।
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पिंकी: क्यो जी, आटा कहाँ पिसवाया आपने ?
कालू ( सहमकर) : हमेशा वाली जगह पर।
पिंकी: तो गेहूँ देकर कहा सैर सपाटा करने चले होंगे ?
कालू : कहीं तो नहीं गया, वहीं रूका था
पिंकी : ध्यान कहां रहता है आप का..
आती जाती औरतों को देखते होंगे, खूब जानती हूँ आपको
कालू ( अब पूरी तरह घबरा गया) : सच में वही सामने खड़े होकर आटा पिसवाया
पिंकी : झूठ मत बोलो, पूरा ध्यान व्हाट्सएप में होगा
बहुत दिनों से note कर रही हूँ घर के काम में आपका बिल्कुल ध्यान नहीं रहता
कालू : नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं, बताओ तो हुआ क्या ?
पिंकी : रोटियां जल कैसे गई फिर..???
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फोन की घंटी सुन कर बंटी ने फोन उठाया
दूसरी तरफ से आवाज आई…
हेलो, फ्रिज चल रहा है ?
हां चल रहा है, आप कौन ?
– तो फिर पकड़ लो, वर्ना भाग जाएगा।
कालू ने थोड़ी देर बाद दोबारा फोन किया – हेलो, फ्रिज है ?
बंटी (गुस्से से) – नहीं है।
कालू – कहा था पकड़ लो, वर्ना भाग जाएगा…!!!
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कालिया अपनी नई बीवी के साथ बाग में टहल रहा था।
अचानक एक बड़ा सा कुत्ता उनकी तरफ झपटा,
दोनों को ही लगा कि ये उन्हें काट लेगा।
बचने का कोई रास्ता न देख भाटिया ने तुरंत ‘
अपनी पत्नी को’ गोद में ऊपर तक उठा लिया
ताकि …..कुत्ता काटे तो उसे काटे उसकी पत्नी को नहीं।
कुत्ता बिलकुल नज़दीक आकर रुका,
कुछ देर तो भौंका और फिर पीछे की तरफ भाग गया।
भाटिया ने चैन की सांस ली और इस उम्मीद में
पत्नी को गोद से उतारा कि पत्नी उसे गले लगाएगी
तभी उसकी तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए….
उसकी बीवी चिल्लाई…
”मैंने आज तक लोगों को कुत्ते को भगाने के लिए पत्थर या डंडा फेंकते तो देखा था
पर ऐसा आदमी पहली बार देख रही हूं
जो कुत्ते को भगाने के लिए ….अपनी बीवी को फेंकने के लिए तैयार.. .
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