एक बस में कई महिलाएं सवार थीं। बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कोई महिला नहीं बची।
सबके पति शव को देखने पहुंचे और शोक मनाने लगे। उनमें से एक व्यक्ति लगातार रोता रहा।
उससे पूछा गया, भाई चुप हो जाओ, पत्नी का शव घर ले जाओ।
आदमी:- यार मेरी पत्नी इस बस में बैठने वाली थी, पर नहीं बैठी। काश वह भी होती!
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चिंटू डॉक्टर से:- डॉक्टर साहब प्लास्टिक सजर्री में कितना खर्च आएगा?
डॉक्टर:- पचास हजार रुपए।
चिंटू:- अगर प्लास्टिक मैं लाकर दूं तो..
डॉक्टर:- फिर एक काम करो, खुद ही पिघला कर चिपका भी लो।
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सोनू:- यार यह मोबाइल तो मुझे कंगाल कर देगा।
मोनू:- वह क्यों?
सोनू:- बार-बार दिखाता है बैटरी लो! अब तक छप्पन बैटरी बदल चुका हूं।
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बच्चा डेंटिस्ट से:- क्या दर्द के बिना भी दांत निकाले जा सकते हैं, डॉक्टर अंकल?
डेंटिस्ट:- नहीं बेटे.!
बच्चा:- अगर मैं निकाल दूं तो?
डेंटिस्ट:- निकालो।
बच्चा:- ही..ही..ही..
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सोनू ने ट्रेन में चढ़ते ही जंजीर से अपना एक डब्बा बांध दिया, जिससे ट्रेन रुक गई।
जब टीटी ने आकर उन्हें इसकी जानकारी दी तो
वह बोले: मां ने इस डिब्बे में देसी घी रखा था। देखा देसी घी की ताकत का कमाल!
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बंता:- प्यार करके शादी करनी चाहिए या शादी करके प्यार करना चाहिए।
संता:- शादी करके प्यार करना चाहिए, पर इसकी खबर बीवी को नहीं होनी चाहिए।
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डॉक्टर गोलू:- क्या करूं यार? यहां पर आकर तो मेरा धंधा ही चौपट हो गया है।
मोलू:- इसका कारण है तुम्हारे क्लीनिक की सीढ़ी पर लगी यह पट्टी, जिस पर लिखा है ऊपर जाने का रास्ता।
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डॉक्टर मरीज से – तुम दिन में कितनी बीड़ी पीते हो?
मरीज:- जी , एक दिन में करीब 20।
डॉक्टर:- देखो, अगर मुझसे इलाज कराना हो तो तुम्हें बीड़ी से परहेज करना होगा।
एक काम करो, एक नियम बना डालो कि सिर्फ भोजन के पश्चात ही एक बीड़ी पियोगे।
मरीज ने डॉक्टर की बात मानकर इलाज शुरू किया। कुछ ही महीने में मरीज का स्वास्थ्य एकदम सुधर गया।
डॉक्टर:- देखा मेरे बताये गए एक सरल परहेज से तुम्हारा स्वास्थ्य कितना सुधर गया।
मरीज:- लेकिन डॉक्टर साहब दिन में 20 बार भोजन करना भी कोई सरल कार्य नहीं।
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