पप्पू – कहो ना प्रिय
पिंकी – जब तुम मुस्कुराते हो
तो मेरा भी हंसने का दिल करता है
पप्पू – यही तो प्यार है प्रिय
पिंकी – प्यार व्यार कुछ नहीं
तेरी शक्ल ही ऐसी है
जब मुस्कुराता है तो कार्टून लगता है 🙂 🙂
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लाजो थाली लेके मंदिर जा रही थी
अचानक एक संता आता है और बोलता है
संता – बहन जी पिंकी आपकी ही बेटी हैं ना ?
लाजो – हाँ तो
संता – आपको पता है आपकी बेटी कॉलेज जाने के
बहाने कहाँ जाती है
लाजो – मेरे को क्या
संता – लेकिन वो तो आपकी बेटी है
लाजो – तो तेरे फिर को क्या 🙂 🙂
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कालू जिस भी लड़की को प्रपोस करता
वो थप्पड़ मार के रिजेक्ट कर देती
कालू गुस्से में एक साधु के पास गया
वहां 3 साधु 3 चटाई बिछा के बैठे थे
कालू – महाराज मेरी दुविधा का अंत करो
बाबा – क्या परेशानी है बच्चा
कालू – बाबा मुझसे कोई लड़की नहीं पटती
बाबा छोटे वाले बाबा से बोला –
ओये बगल में एक चटाई और बिछा दे
कल से ये भी यहीं बैठेगा 🙂 🙂
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रानी – हाय राम आपके सर से खून क्यों
निकल रहा है
कालू – अरे मेरे दोस्त ने ईंट मार दी
रानी – आप भी मार देते
आपके हाथ में कुछ नहीं था क्या ?
कालू –
.
.
.
.
हम्म मेरे हाथ में उसकी बीवी का हाथ था 🙂
हो गयी धुलाई 🙂
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लाजो बड़े स्टाइलिश कपडे
पहन के सब्जी खरीदने आयी
कालू – क्या लोगी मैडम ?
लाजो – मुझे देखने तो दो
आपके पास कौन कौन सी सब्जी है
कालू – देख लो मैडम सबकुछ है
लाजो – ये धनिया कैसे दिया है
कालू – उसे नीचे रख दो मैडम
वो धनिया नहीं पुदीना है 🙂 😉
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एक बार संता और बंता घूमने जा रहे थे ,
रस्ते में चलते चलते रात हो गयी ,,
तो वो वहीँ टेंट लगा के सो गए ,
आधी रात को संता की आँख खुली तो वो ऊपर देखकर घबरा गया ,
जल्दी से बंता को उठाया ,,
संता – ऊपर देखो क्या दिखाई दे रहा है ?
बंता – वाह चॉदनी रात और खुला आसमान , तारे ही तारे
बहुत सुन्दर नजारा है ,
संता – साले नजारा सुन्दर नहीं, कोई हमारा टेंट खोल के ले गया है
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