एक बार वेटर मोनू और उसका साथी गोलू आपस में बातें कर रहे होते है की तभी अचानक मोनू, गोलू से कहता है;
मोनू: बंता तुझे पता है वो जो 11 नंबर कमरे वाले साहब हैं ना वो कल बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए!
गोलू: क्यों क्या हुआ?
मोनू: होना क्या था, रात को उन्होंने शराब पीकर स्वीमिंग पूल में छलांग लगा दी!
गोलू: तो क्या पूल में पानी नहीं था?
मोनू: अरे यार पूल में पानी तो था पर जहां छलांग लगाई, वहां स्वीमिंग पूल नहीं था!
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संता ने अपने आलसी नौकर से कहा, यहाँ पर इतने सारे मच्छर गुनगुना रहे हैं तू इन्हें मार गिरा।
थोड़ी देर बाद संता फिर से बोला।
संता: अबे साले नौकर के बच्चे मैंने तूझे मच्छर मारने को कहा था, अभी तक तूने मारे नहीं वो अब भी गुन-गुना रहे हैं।
नौकर: साहब मच्छर तो मैंने मार दिए, यह तो उनकी पत्नियां हैं जो विधवा होकर रो रही हैं।
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एक बार एक बुढ़िया मर गयी तो उसकी बेटी जोर-जोर से रोने लगी और बोली।
बेटी: “अम्मा कहाँ गयी तू, जहां ना धूप-ना छाँव, ना रोटी-ना सब्जी, ना बिजली ना पानी।
साथ में ही संता और बंता भी शोक मनाने गये हुए थे।
संता ने साथ में बैठे बंता को कोहनी मारी और बोला, “अबे देख बुढ़िया कहीं हमारे घर पे तो नहीं चली गयी?”
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एक बार संता को सिर में चोट लग गयी तो उसे लहुलुहान हालत में अस्पताल लाया गया जो देख कर भर्ती काउंटर पर खड़े डॉक्टर ने उस से चंद सवाल पूछने शुरू किये।
डॉक्टर: नाम?
संता: जी संता।
डॉक्टर: पिता का नाम?
संता: करनैल।
डॉक्टर: जन्म की तारीख?
संता: 1 मार्च।
डॉक्टर: शादीशुदा?
संता: जी नहीं, कार एक्सीडेंट।
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डॉक्टर (मरीज से): तुम एक दिन में कितनी बीड़ी पीते हो?
मरीज: जी, एक दिन में करीब बीस बीड़ी!
डॉक्टर: यदि मुझसे इलाज कराना है, तो इतनी सारी बीड़ी पीने से परहेज रखना होगा, आज से ही एक नियम बना लो कि सिर्फ भोजन के पश्चात ही एक बीड़ी पियोगे, मरीज ने डॉक्टर की बात सुनकर इलाज कराना शुरु कर दिया, कुछ महीने के बाद मरीज का स्वास्थ्य एकदम सुधर गया!
डॉक्टर: देखा, मेरे बताए परहेज से तुम्हें कितना स्वास्थ्य लाभ हुआ!
मरीज: लेकिन डॉक्टर साहब, एक दिन में बीस बार भोजन करना भी कोई सरल कार्य नहीं है!