मोहन (अपने दोस्तो से शेखी बघारते हुए):- मैंने एक
ही दिन में शेर की गर्दन तोड़ दी,
चीते के दो टुकड़े कर दिये और एक हाथी की टांग
तोड़ दी।
दोस्त (हैरानी से):- फिर क्या हुआ?
मोहन: हुआ क्या? दुकानदार ने अपने खिलौनो की
तोड़फोड़ के जुर्म में मुझे जेल भिजवा दिया…!!!
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संता बहुत गरीब था। वह एक सर्कस में नौकरी करने
लगा।
उसने ऐलान किया कि वह अपने करतब में 100
रोटियां खाकर दिखाएगा।
सुबह के करतब में लोग आए।
संता ने रोटियां खानी शुरू कीं…10… 20… 50…
और देखते ही देखते उसने 100 रोटियां खा लीं।
लोग हैरान होकर तालियां बजाने लगे।
फिर दोपहर के करतब में भीड़ जुटी और उसने 100
रोटियां फिर खा लीं।
ऐसे ही रात के करतब का समय होने वाला था, पर
संता नजर नहीं आ रहा था।
मैनेजर परेशान होकर उसके घर गया, तो देखा कि पप्पू
रोटियां खा रहा है।
वह हैरान होकर सोचने लगा, यह आदमी है या
राक्षस!
मैनेजर गुस्से में बोला: करतब का समय हो गया है और
तुम यहां हो!
संता बोला: दिन भर काम करके थक गया हूं। अब चैन से
दो रोटी भी नहीं खाने दोगे…!!!
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मालिक: तुम बाथरूम में क्यू घुस आए, क्या तुम्हे पता नही था की मैं नहा रहा हूँ?
नौकर: हज़ूर ग़लती हो गयी, में समझा था बेगम साहिबा है.
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डेडी: बेटा, आजकल में देख रहा हूँ कि जब भी में तुम्हारी पिटाई लगाता हूँ तो तुम कोई प्रतिक्रिया ही नहीं करते, कैसे अपना गुस्सा कंट्रोल करते हो तुम?
बेटा: में तुरंत जाकर टॉयलेट साफ करने लगता हूँ।
डेडी: इससे गुस्सा शांत करने में कैसे मदत मिलती हैं।
बेटा: वो ऐसे कि में, टॉयलेट की सफ़ाई के लिए आपका टूथ ब्रश इस्तेमाल करता हूँ।
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पप्पू बंता पेपर देने के बाद लड़ रहे थे।
सर: तुम लोग क्यूं लड़ रहे हो।
पप्पू: यह पागल पेपर खाली छोड़ कर आया है।
सर: तो क्या हुआ।
पप्पू: क्यूंकि मैं भी तो पेपर खाली छोड़ कर आया हूं,अब टीचर को लगेगा कि हम दोनों ने नकल की है।
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