पप्पू अपने बेटे को खरीददारी सिखा रहा था,
पप्पू दुकानदार बना और उसका बेटा खरीददार।
बेटा: एक लीटर आलू देना !
पप्पू: नहीं बेटा, आलू किलो में आता है !
बेटा: अच्छा तो एक किलो सोना दे दो !
पप्पू: नहीं बेटा, सोना किलो में खरीदने की चीज नहीं है वह तो तोले के हिसाब से बिकता है वह भी ज्वेलर्स के यहां !
आखिर संता उकता गया और बोला कि मैं खरीददार बनता हूं और तुम दुकानदार बनो !
पप्पू: एक किलो गुड़ देना !
बेटा: किसमें दूं? बोतल लाए हैं ?
=====================
एक बार एक अंग्रेज हिन्दुस्तान में आया
उसने एक दुकानदार से कहा कि मुझे आप हिंदी सिखाओ ?
मैं आपके यहां नौकरी करूंगा।
उसने कहा मेरे पास एक सेब की दुकान है।
यहां जो भी ग्राहक आता है वो तीन चीजें बोलता है।
पहली: सेब क्या भाव है ?
दूसरी: कुछ खराब हैं ?
तीसरी: मुझे नहीं लेने।
इसके बाद अंग्रेज को बताया इनके जवाब में उसको बोलना है तीस रूपए किलो।
फिर कहना है कुछ-कुछ खराब हैं और जब ग्राहक जाने लगे
तो कहना तुम नहीं ले जाओगे तो कोई और ले जाएगा।
थोड़ी देर बाद दुकान पर एक लड़की आई।
उसने पूछा: रेलवे स्टेशन जाने को कौन सा रास्ता है ?
अंग्रेज ने कहा तीस रूपए किलो।
लड़की ने कहा: तेरा दिमाग खराब है क्या ?
अंग्रेज ने कहा कुछ-कुछ खराब है।
लड़की ने कहा: तुझे थाने लेकर जाना पड़ेगा।
अंग्रेज ने कहा: तुम नहीं ले जाओगे तो कोई और ले जाएगा।
हम तो खड़े ही है इस काम के लिए।
=====================
संता: बड़े परेशान नजर आ रहे हो, आखिर बात क्या है ?
बंता: क्या बताऊं दोस्त , समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं !
संता: लेकिन हुआ क्या है ?
बंता: तुम तो जानते हो कि मेरी शादी नहीं हो रही थी।
पिछले दिनों एक स्वामी जी मिल गए।
उन्होंने मुझे दो पुड़िया दीं और बोले कि जो लड़की तुम्हें पसंद आए,
उसे किसी तरह एक नंबर वाली पुड़िया खिला देना,
तुम्हारी शादी उससे पक्की हो जाएगी।
शादी के फौरन बाद उसे दो नंबर वाली पुड़िया खिला देना,
एक साल बाद वह एक बच्चे को जन्म देगी।
संता: तो फिर ?
बंता: फिर क्या , मुझे एक लड़की पसंद आ गई।
मैंने उसे पुड़िया खिला दी।
उससे मेरी सगाई हो गई और सगाई होते ही वह डेढ़ साल के लिए अमेरिका चली गई है।
जाते-जाते कह गई कि आते ही धूमधाम से शादी करेंगे।
संता: यह तो अच्छी खबर है।
इसमें परेशान होने की क्या बात है ?
बंता: मुझे अभी कुछ देर पहले ही पता चला कि मैंने गलती से उसे दो नंबर वाली पुड़िया खिला दी थी।
=====================