मेले में एक झूले पर मुल्ला लगातार झूले जा रहा था। थोड़ी देर के लिए झूला बंद हुआ तो मुल्ला दौड़ता हुआ आया, जल्दी से पानी पीया और फिर वापस झूले पर जा बैठा।
पास बैठे एक बच्चे ने पूछा – “अंकल, आपको भी झूला झूलना बहुत अच्छा लगता है ?”
“अच्छा?” मुल्ला भड़क गया – “झूले में बैठना मुझे बिलकुल ही अच्छा नहीं लगता. मेरा सिर चकराता है। झूले में इतने देर से बैठे बैठे मेरा जी घबरा रहा है। परंतु इस झूले के मालिक पर मेरा पचास रुपया उधार है। और उस उधारी को वसूलने का हिक्कक… एक,,,, हिक्कक… यही…. हिक्कककक… रास्ता बचा…. हिक्कक…”
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एक बार ,संता टिकेट की लाइन में लगा हुआ था तभी एक हट्टा-तगड़ा सरदार आता है और मुझे हटने के लिए कहता है।
संता -मैं क्यों हटू ?
सरदार -हट जा नहीं तो ..
संता – नहीं तो क्या ?
(सरदार मुझे एक झापड़ मार देता है)
संता – सरदार जी, आपने ये झापड़ मजाक में तो नहीं मारा है ना ?
सरदार -नहीं ?
संता – ठीक है ,तब कोई बात नहीं।
सरदार -तुम ऐसा क्यों पूछ रहे ?
संता – क्योंकि मुझे मजाक पसंद नहीं।
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एक शादीशुदा आदमी का अपनी सेक्रेटरी के साथ अफेयर था।
एक दिन वो लोग डेट पर गए और एक साथ काफी समय बिताया जिसमें रात के 8 बज गए।
घर वापस जाते समय आदमी ने अपने जूते और कपड़े धूल और घास में रगड़ दिए।
घर पहुंचने पर पत्नी ने पूछा ‘इतनी देर क्यों हो गई, कहां थे आप ?’
आदमी ने कहा, ‘मैं तुमसे झूठ नहीं बोल सकता हूं। मेरा एक अफेयर है और मैं अभी एक डेट से ही वापस आ रहा हूं।‘
पत्नी ने उसकी तरफ देखा और चिल्लाई, ‘झूठे, क्रिकेट खेल के आ रहे हो ना।‘
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प्रीतो: मेहमान आ रहे हैं और घर में दाल के सिवा कुछ भी नहीं है।
संता: जब मेहमान आएँ तो किचन में एक बर्तन गिरा देना, मैं पूछूं तो कहना कि शाही पनीर गिर गया… फिर दूसरा बर्तन गिराना और कहना कि बिरयानी गिर गई… मैं कहूंगा कि चलो दाल ही ले आओ।
मेहमानो के आने के बाद, रसोई से बर्तन गिरने की आवाज़ आई।
संता: क्या हुआ ?
..
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प्रीतो: कमबख़्त दाल ही गिर गई !
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