अध्यापिका :- ओये यहां आओ
चपरासी :- मेडम जी मेरा नाम “ओये” नही है आप मुझे नाम लेकर बुलाया करे
अध्यापिका :- अच्छा बताओ क्या नाम है तुम्हारा
चपरासी :- प्राणनाथ
अध्यापिका :- नही कोई ओर नाम बताओ,
चलो घर वाले किस नाम से बुलाते हैं ?
चपरासी:- बालम
अध्यापिका:- ये भी सही नही है चलो मोहल्ले वाले किस नाम से बुलाते हैं
चपरासी:- साजन
अध्यापिका :- ये भी ठिक नही है,
सर नेम क्या लगाते हो ?
चपरासी:- स्वामी!!
अध्यापिका जी बेहोश! 😀 😛
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एक बार एक स्कूल मे आग लग गई।
स्कूल की छुट्टी हो गई ।
सब बच्चे स्कूल से घर ख़ुशी ख़ुशी जा रहे थे।..
खुश इसलिए की स्कूल मे आग लग गई।
अब स्कूल में नही आना पड़ेगा।
लेक़िन एक बच्चा बड़ा दुखी होकर स्कूल से जा रहा था।
टीचर ने उसको देखा उसे अपने पास बुलाया और पूछा बेटा सब बच्चे तो इतने ख़ुश हँ ।
लेकिन तुम दुखी क्यों हो?
लड़का बोला आग से स्कूल ही तो जला हँ।
मास्टर तो सारे बच गये।
कल पार्क मे बिठाकर पढ़ाने लगेंगे। 🙁
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फेसबुक पे नई नई फ्रेंडशिप हुई, फिर नंबर एक्सचेंज हुए।
फिर..
लड़की :- हैलो डार्लिंग, क्या कर रहे हो।
लड़का :- शेव कर रहा हूँ।
2 घंटे बाद
लड़की :- हांजी, क्या कर रहे हो।
लड़का :- शेव कर रहा हूँ।
लड़की :- क्या बात है जब भी मैँ फोन करती हूँ
तुम शेव ही कर रहे होते हो। दिन में कितनी शेव
करते हो।
लड़का :- 30-40 बार।
लड़की :- तुम पागल हो।
लड़का :- नहीं जानु मैं नाई हूँ।
BLOCKED!! 😀
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एक पागलखाने में एक पत्रकार ने डॉक्टर से प्रश्न किया।
“आप कैसे पहचानते हैं कि, कौन मानसिक रोगी है और कौन नहीं ? ”
डॉक्टर: ” हम एक बाथटब पानी से पूरा भर देते हैं और मरीज को,
एक चम्मच
एक गिलास और
एक बाल्टी
देकर कहते हैं कि वो बाथटब को खाली करे। ”
पत्रकार—“अरे वाह, बहुत बढ़िया। यानी जो नार्मल व्यक्ति होता होगा वो बाल्टी का उपयोग करता होगा क्योंकि वो चम्मच और गिलास से बड़ी होती है। ”
.
डॉक्टर—” जी नहीं। नार्मल व्यक्ति बाथटब में लगे हुए ड्रेन प्लग को खींच कर टब को खाली करता है। आप 39 नंबर के बैड पर जाइए ताकि हम आप की पूरी जाँच कर सकें। ”
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अगर आप ने भी बाल्टी ही सोचा था तो कृपया बैड नंबर 40 पर जाइए।