पति: नवरात्रि का व्रत है?
पत्नी : हां जी
पति: कुछ खाया?
पत्नी :जी कुछ खास नहीं
पति: फिर भी क्या खाया?
पत्नी : केला, सेव, अनार, मूंगफली, फ्रूट क्रीम, आलू की टिक्की, साबूदाने की खीर,
साबूदाने के पापड़, कुट्टू की पूरी, सावंख के चावल, सिंघाड़े के
आटे का हलवा, खीरा, सुबह-सुबह चाय और अब जूस पी रही हूं।
पति : बहुत सख्त व्रत रख रही हो, यह हर किसी के बस का कहां है…
और कुछ खाने की इच्छा है? देखलो कहीं कमज़ोरी न आ जाए।
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जब संता ने लिया बदला…
बंता: संता तुम क्या कर रहे हो?
संता: बदला ले रहा हूं।
बंता: लेकिन किस से?
संता: वक्त ने मुझे बर्बाद किया है, अब मैं वक्त को बर्बाद कर रहा हूं।
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संता- चलो पुलिस को बताते हैं इनाम मिलेगा।
बंता- अगर 1 बम फटा तो क्या होगा?
संता- पुलिस को बोल देंगे की 2 ही थे।
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पहला – यार बहुत परेशान हूं।
दूसरा- क्यों?
पहला- घर वालों को लगता है मैं लव मेरिज ना कर लूं।
दूसरा- इसमें परेशानी क्या है।
पहला- लड़कियां तो फेसबुक पर एड ही नहीं करती। घर वाले बेवजह शक करते हैं।
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गधे ने संता को लात मार दी और भाग गया।
संता को गुस्सा आया और वह भी उसके पीछे भागने लगा।
भागते भागते संता को रास्ते में एक जेबरा मिला।
संता ने जेबरा को जोर से लात मारी और बोला- नाइट ड्रेस पहनकर मुझे पागल बना रहा है।
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बंता ने ऐसे खत्म किया बीवी का गुस्सा
संता- यार मेरी बीवी गुस्सा बहुत करती है।
बंता- पहले मेरी बीवी भी करती थी।
संता- तुमने ऐसा क्या किया जो अब गुस्सा नहीं करती।
बंता- वो एक दिन गुस्से में थी, मैंने कह दिया कि बुढ़ापे में गुस्सा आ ही जाता है। उस दिन से वह गुस्सा नहीं करती।
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संता तो बंता से भी महान निकला
बंता गर्मियों में पसीने से भीगा संता के घर गया,
बंता- यार यह सूरज रात को क्यों नहीं निकलता?
संता- क्या पता निकलता भी हो, अंधेरा इतना होता है कि पता ही नहीं चलता।
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संता तो बंता से भी महान निकला
बंता गर्मियों में पसीने से भीगा संता के घर गया,
बंता- यार यह सूरज रात को क्यों नहीं निकलता?
संता- क्या पता निकलता भी हो, अंधेरा इतना होता है कि पता ही नहीं चलता।
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