मास्टर जी – क्या पढ़ना है आज…?
.
.
पप्पू – सर, आज निकाह पढ़ा दीजिए…
रौल नंबर 23 के साथ…!
.
फिर पप्पू पर हुई चप्पलों की बरसात…!!!
=====================================
पत्नी – सुनो जी, डॉक्टर ने मुझे
एक महीना आराम के लिए
स्विट्जरलैंड या पेरिस जाने को कहा है…
हम कहां जाएंगे…?
.
.
पति – दूसरे डॉक्टर के पास…!!
=====================================
पापा – क्या हुआ बेटे?
.
बेटा – बुखार है पापा…
.
पापा – अबे तुझे तो बीमारी भी गरीबों वाली होती है…
पड़ोसी के बेटे तो देख… कैंसर है, कैंसर…!!!
.
बेटा बेहोश…
=====================================
पत्नी जज से – मुझे इनसे अब कुछ नहीं लेना
बस मुझे ये उसी हाल में छोड़ दें जिसमें
मैं इनको मिली थी…
.
जज – किस हाल में मिली थी…?
.
पत्नी – विधवा…!
.
जज साहब अभी तक बेहोश हैं…
=====================================
डॉक्टर ने महिला के मुंह में थर्मामीटर रख कर
कुछ देर मुंह बंद रखने को कहा…
.
.
पत्नी को खामोश देख कर पति ने पूछा –
डॉक्टर साहब ये चीज कितने की आती है,
जो झट से मुंह बंद कर देती है…!!!
=====================================
मास्टर जी – तुमने होमवर्क क्यों नहीं किया?
.
पप्पू – मैं हॉस्टल में रहता हूं ना…
.
मास्टर जी – तो…?
.
पप्पू – हॉस्टल में होमवर्क कैसे कर सकता हूं,
हॉस्टल वर्क देना चाहिए था ना…!!!
.
फिर हुई पप्पू की जोरदार धुनाई…
=====================================
नहले पे दहला…
लड़की (बस में) – मुझे सीट दे दो..
.
लड़का – क्यों दे दूं…?
.
लड़की – अरे… लड़की खड़ी है, सीट भी नहीं दे सकते क्या…?
.
लड़का – आप मुझसे शादी कर लो…!
.
लड़की – क्यों कर लूं…?
.
लड़का – अरे… लड़का कुंवारा घूम रहा है,
शादी भी नहीं कर सकती क्या…?
=====================================
संता बंता से – क्या कर रहे हो भाई…?
बंता – खा रहा हूं भाई..!!
संता – अकेले अकेले…
बंता – अबे बीबी से ताने खा रहा हूं…
आजा तू भी खा ले…!
=====================================
मास्टर जी – ‘खुशी का ठिकाना न रहा’ इस मुहावरे का मतलब बताओ…
.
पप्पू – खुशी घर वालों से छिपकर रोजाना अपने ब्वॉयफ्रेंड के मिलने जाती थी…
एक दिन उसके पापा ने ब्वॉयफ्रेंड के साथ देख लिया और
खुशी को घर से निकाल दिया…!
अब बेचारी खुशी का ठिकाना न रहा…!!!
.
मास्टर जी बेहोश…
=====================================