भारत । युनाइटेड नेशंस पाॅपुलेशन फंड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 60 साल से अधिक की आयु वर्ग के लोगों की संख्या 2011 में 100 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 300 मिलियन हो जाएगी।बढती उम्र के साथ बिगडता स्वास्थ्य बडी उम्र के ज्यादातर लोगांे के लिए प्रमुख चिंताआंे में से एक है और लोगों की सेहत में यह परिवर्तन ही भारत में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की मांग को और आगे बढ़ा सकता है।
राजस्थान स्थित एमहेल्थ सेवा प्रदाता, मेरापैशेंट ऐप के संस्थापक और अध्यक्ष मनीष मेहता कहते हैं, ‘‘फिलहाल भारत में हेल्थकेयर सेक्टर ठीक है। सरकार बड़ा सोच रही है और फिलहाल इस क्षेत्र का समग्र दृष्टिकोण हासिल करने में जुटी है। इधर, निवेशकों की और से ई-फार्मा कंपनियांे मे रूझान बढता जा रहा है। ई-हेल्थकेयर में ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श, ऑनलाइन चिकित्सा रिकॉर्ड, दवाओं की ऑनलाइन आपूर्ति और देशभर में रोगीयों की जानकारी को साझा करना प्रमुख रूप से, ई-हेल्थकेयर उद्योग को लंबे समय तक कायम रख सकते है।‘‘
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्रीय स्तर पर सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के साथ सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। भारत में दवाओं की बिक्री के लिए आॅनलाइन मार्केट (‘‘ई-फार्मेसी‘‘) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का काफी ध्यान आकर्षित किया है। मंत्रालय ने इस क्षेत्र को विनियमित करने के लिए एक मसौदा नीति जारी की है, जिससे ऑनलाइन दवा-वितरण के क्षेत्र में बेहतर पारदर्शिता बनी रहने की उम्मीद कि जा रही है।
आईएनसी42 डेटालैब्स के अनुसार, वर्ष 2017 में भारतीय हेल्थटेक स्टार्टअप कंपनियों ने 111 सौदों से 346 डाॅलर की राशि जुटाई, जिससे साबित होता है कि निवेशक इस सेक्टर में निवेश करने के
कितने इच्छुक हैं। ऑनलाइन फार्मा के अधिग्रहण, उनमें साझेदारी या निवेश करने के लिए बडी और विशाल ई-कॉमर्स कंपनियां भी शुरुआती दौर की वार्ता में जुटीं हैं। इस उद्योग से संबंधित फिक्की के आंकडों पर गौर करें, तो पता चलता है कि इंडियन फार्मा रिटेल मार्केट कुल 1000 बिलियन रुपए का है, जिसमें ई-फार्मेसी के पास 5-15 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की संभावनाएं हैं।
मेडिकल प्रेक्टीशनर्स और तकनीशियन आज लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना रहे हैं। ये स्टार्टअप न केवल डॉक्टरों और मरीजों के बीच कायम अंतराल को दूर कर रहे हैं, बल्कि एक बेहतर और तेज स्वास्थ्य देखभाल वातावरण की सुविधा के लिए एक ईकोसिस्टम भी बना रहे हैं।
‘मेरापेषेंट‘ एप के बारे में
जयपुर के चार्टर्ड एकाउंटेंट मनीष मेहता द्वारा शुरू किया गया ‘मेरापेशेंट‘ एप हेल्थकेयर इंडस्ट्री में एक अनूठी और शानदार पहल है। ‘मेरापेशेंट‘ अपनी तरह का पहला एग्रीग्रेटर प्लेटफॉर्म है, जो पारंपरिक बाजार को रोगियों/उपयोगकर्ताओं के लिए उंगलियों के इशारे पर ले लाता है। प्रमाणित केमिस्ट की दुकानों और डाइग्नोस्टिक्स केंद्रों के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के साथ, ‘मेरापेशेंट‘ ऐप स्मार्टफोन पर मांग और आपूर्ति की स्थिति तैयार करता है।
‘मेरापेशेंट‘ एप में दिए गए अनूठे और क्रांतिकारी पेनिक बटन की सहायता से उपयोगकर्ता को इमरजेंसी या मुश्किल हालात से उबरने में सहायता मिलती है। उपयोगकर्ता सिर्फ ‘स्लाइड टू पेनिक‘ का इस्तेमाल करते हुए पहले से सहेजे गए नंबरों पर अपने करीबी मित्रों और परिजनों को इत्तिला कर सकता है। पेनिक बटन के इस्तेमाल के साथ न सिर्फ 5 टेलीफोन नंबरों पर सूचना भेजी जाती है, बल्कि यह मुश्किल/इमरजेंसी में फंसे शख्स की लोकेशन भी बताता है।