जयपुर। अलवर के प्राचीन हिन्दू मंदिरों को तोड़कर गहलोत सरकार सच्चाई से छलावा और उत्तरदेही के नाम पर सीनाजोरी कर रही है।
दस्तावेजी प्रमाणों के साथ विश्व हिन्दू परिषद ने आज कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने वोट-बैंक को खुश करने की नियत से अलवर जिला प्रशासन को मंदिरों को ध्वस्त करने की खुली छूट दी है। एक वीडियो में राजगढ़ विधायक पार्षदों को पाला बदलने का प्रस्ताव देते दिखाई दे रहे हैं। आरोप है कि राजगढ़ से कांग्रेसी विधायक जोहरी लाल ने नगर पालिका चुनाव में करारी हार का बदला लेने की धमकी भी दी थी।
विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि देश में कहीं भी घुसपैठियों या आतंकियों पर कार्रवाई होने पर अशोक गहलोत तुरंत ही हिंदुओं के विरुद्ध अभियान प्रारंभ कर देते हैं। वे अपने वोट-बैंक को संतुलन का संदेश देने की नीयत से ऐसे कदम उठाते हैं।
दीपावली पर धारा 144 लगाना, रामनवमी हनुमान जयंती और महावीर जयंती पर जुलूसों पर पाबंदियां लगाना, कांवड़ यात्रियों पर रोक लगाना, कोटा में पीएफआई को जुलूस की अनुमति देना और कश्मीर फाइल्स पर धारा 144 लगाना, सालासर में रामपरिवार सहित तोरणद्वार पर बुलडोजर चलाना, करौली में हिंदुओं पर हिंसक हमले के मास्टरमाइंड मतलूब अहमद को सेफ पैसेज देना, अलवर में अतिप्राचीन हिन्दू मंदिरों- धर्मशालाओं को ध्वस्त करना, मुस्लिम समुदाय के आबादी क्षेत्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु एवं इफ्तार की दावत हेतु राजकीय आदेश देना आदि ऐसे अनेकों कार्य किए गए हैं जो कि तुष्टीकरण की श्रेणी में आते हैं और हिंदू आस्था पर सीधा हमला हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुभद्र पापड़ीवाल ने कहा कि सरकार के मंत्रियों में होड़ मची हुई है कि कौन अधिक हिन्दू विरोधी दिखाई देता है। इस हड़बड़ी में वे हिन्दुओं के पूज्य संतों और गुरुजनों के अपमान से भी नहीं चूकते हैं।
अलवर की घटना पर नगरपालिका की बैठक के मिनट्स व अन्य दस्तावेज सामने आए हैं जिसमें स्पष्ट है कि पालिका द्वारा मंदिरों को ध्वस्त करने जैसा कोई निर्णय नहीं लिया गया था जैसा गहलोत सरकार के मंत्री बोल रहे हैं। ना ही जिला प्रशासन द्वारा पट्टे शुदा संपत्तियों को मुआवजे का प्रस्ताव किया गया था जो विधिक रूप से आवश्यक है।
विहिप ने कहा कि सरकार ने उप जिलाधीश द्वारा सीधे कार्रवाई की है और जवाबदेही से बचने के लिए मनगढ़ंत आरोप राजगढ़ की नगर पालिका पर लगा दिया जबकि उप जिलाधीश की जवाबदेही सरकार को है ना कि नगर पालिका को।
विहिप ने आगाह किया है कि हिंदुओं पर सरकार की शह पर हो रहे इस प्रकार के हमलों के विरोध में संत समाज भी अब सड़कों पर उतर आया है। क्षेत्रीय विधायक और हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश देने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी और मंत्रियों की तुरंत बर्खास्तगी की मांग करते हुए परिषद ने कहा कि मंदिरों के पुनः निर्माण होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।