जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संत बाबा विजय दास के निधन पर गहरा शोक जताया है। अपने शोक संदेश में शेखावत ने कहा कि यह हृदय विदारक सूचना है कि संत बाबा विजय दास दिव्य ज्योति में लीन हो गए हैं। उन्होंने ब्रज 84 कोस क्षेत्र को अवैध उत्खनन से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
शेखावत ने अशोक गहलोत सरकार को घेरते हुए कि राज्य सरकार संत बाबा विजय दास की हत्या की पापी है। उन्हें हत्या के लिए उकसाने का अगर किसी ने पाप किया है तो वह गहलोत सरकार ने किया है।
शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है कि एक साधु को कान में अंगुली डाली सरकार को सुनाने के लिए आत्मदाह करना पड़ा। हठधर्मी राजस्थान सरकार की अनदेखी ने उन्हें अग्निस्नान के लिए विवश किया।
शेखावत ने कहा कि संतों के आंदोलन में प्रियंका वाड्रा की एंट्री के बाद एक मोड़ आया था। तब गहलोत साहब ने खुद बैठकर इनके साथ समझौता किया था। भरोसा दिलाया था कि हम खनन की गतिविधियों को बंद कर देंगे। बोला था कि सरकार की मंशा बन चुकी है, हम इस पर कार्यवाही करेंगे।
जिम्मेदारों पर दर्ज हो आत्मदाह के प्रयास का मुकदमा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कलेक्टर ने सात दिन में रिपोर्ट दी थी। हालांकि, कलेक्टर की वर्ष 2012 की रिपोर्ट भी थी कि खनन को बंद दिया जाना चाहिए, लेकिन कलेक्टर ने दोबारा रिपोर्ट दी। मेरा प्रश्न यह है कि खुद मुख्यमंत्री द्वारा भरोसा दिलाने के बाद, कलेक्टर द्वारा रिपोर्ट देने के बाद भी सात-आठ महीने तक किसके दबाव या हस्तक्षेप के चलते कार्यवाही नहीं की गई। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। जिम्मेदारों पर आत्मदाह के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाना।
पसोपा में अंतिम संस्कार से क्यों बच रही सरकार
शेखावत ने कहा कि जहां संत बाबा विजय दास ने अपना जीवन दिया। लोगों के बीच रहकर सत्संग किया। जिस पशुपातिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना और अराधना की। वहां ग्रामीण एकत्र हुए हैं तो उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मेरा प्रश्न यह है कि सरकार क्यों पसोपा में उनके अंतिम संस्कार से बचना चाहती है। क्यों अपना पाप दूसरों पर मढ़ना चाहती है? सरकार की यह घबराहट ही इस बात को दिखाती है कि सरकार में बैठे बहुत सारे लोग, अधिकारी स्तर पर बैठे हुए लोग, सरकार की महत्वपूर्ण कुर्सियों में बैठे लोग और जनप्रतिनिधि भी कहीं न कहीं इस घटना से जुड़े हुए हैं।
दिवंगत संत को दी श्रद्धांजलि
शेखावत ने संत बाबा विजय दास को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि परमात्मा दिवंगत पुण्यात्मा को अपने लोक में स्थान प्रदान करें। उनके संगियों, शिष्यों, अनुयायियों और समर्थकों को संबल मिले। गौरतलब है कि भरतपुर के डीग-कामां व नगर क्षेत्र में आदिबद्री और कनकाचल में माइनिंग को पूरी तरह खत्म करने के लिए 551 दिन चले संतों के आंदोलन के दौरान 20 जुलाई को पसोपा के पशुपतिनाथ मंदिर के 65 साल के महंत विजय दास ने खुद को आग लगा ली थी। शुक्रवार को शेखावत ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में संत बाबा विजय दास से मुलाकात की थी। चिकित्सकों से उनकी रिकवरी के विषय में जानकारी ली थी।
भरतपुर जिले में आत्मदाह का प्रयास करने वाले संत विजय दास का निधन
संत विजयदास की मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार : सतीश पूनियां