जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि संजीवनी घोटाले मामले को लेकर उन्होंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया है और एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को मुल्जिम बताया है।
गहलोत ने शनिवार को यहां प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मानहानि के मामले में मुझे जेल भेजने की तैयारी हो रही है तो डेढ लाख जो गरीब लोग है जिनका पैसा डूब गया है और इस मामले में शेखावत का परिवार मुल्जिम है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में वह मुल्जिम है, यह एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर कहा गया था। जब इस मामले के पीड़ित लोग उनसे मिलने आए और गरीब लोगों के पैसे डूब गए जब मालूम किया गया तो पता चला कि वास्तव में शेखावत मुल्जिम है, तब कहा गया कि इस मामले में वह मुल्जिम है, इससे पहले कभी नहीं कहा गया कि वह मुल्जिम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में केन्द्रीय मंत्री है उनका नाम आ रहा है, उन्हें हस्तक्षेप करते हुए गरीबों के पैसा लौटाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, पैसा वापस लौटाना सुनिश्चित करने की बजाय कि कह रहे हैं कि यह कैसे कह दिया गया कि मुल्जिम है। उन्होंने कहा कि मैं हस्तक्षेप करता तो कभी के गिरफ्तार हो जाते। मैंने पांच साल में किसी संस्था, कहीं भी किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया हैं। उन्होंने कहा कि अगर शेखावत मुल्जिम नहीं है तो उन्हें जोधपुर हाईकोर्ट से जमानत क्यों लेनी पड़ी।
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जातिगत जनगणना कराना चाहेंगे लेकिन प्रोसेज तो प्रोसेज है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को शीघ्र ही जनगणना कराई जानी चाहिए और उसमें जातिगत जनगणना का कॉलम रखा जाना चाहिए।
उन्होंने भाजपा को लफाजी वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि इनमें कोई दम नहीं है इनके पास कोई न तो पन्ना प्रमुख है और न ही कोई बूथ है, केवल हौव्वा ऐसा खड़ा करेंगे कि आगे निकल गए लेकिन वास्तव में आगे कांग्रेस निकल गई है।