गणेश चतुर्थी जिसे कि विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, गणेश चतुर्थी को हिन्दु धर्म में एक बहुत ही शुभ पर्व माना जाता है। गणेश चतुर्थी को हिन्दी कैलेन्डर के भाद्रपद मास (अगस्त मध्य से सितम्बर मध्य) में मनाया जाता है। विशेषकर पश्चिम भारत के महाराष्ट्र राज्य में गणेश चतुर्थी को बहुत ही दुमदाम के साथ मनाया जाता है।
गणेश जी का एक नाम विघ्नहरता भी है इसलिए लोगो का मानना है कि इन दस दिनों को बहुअत ही शुभ मन जाता है, अगर हम गणेश चतुर्थी की श्रद्धा एवं विधि-विधान से पूजा करते है गणेश जी सभी देवताओ में अग्रणी है, गणेश जी आपके जीवन में सभी उत्तपन बाधाओं को समाप्त करके अपने भक्तो को पर सौभाग्य, समृद्धि एवं सुखों की बौछार करते है।
गणेश उत्सव
दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार गणेश चतुर्थी हिन्दुओं की आस्था का एक ऐसा अद्भुत प्रमाण है जिसमें कि शिव-पार्वती-नंदन श्री गणेश की 3/4 इंच से लेकर 25 फुट या इससे भी अधिक ऊँचाई की प्रतिमा को घरों, मन्दिरों अथवा पन्डालों में साज-श्रँगार के साथ शुद्ध चतुर्थी वाले दिन स्थापित किया जाता है।
जहाँ पर एक पुजारी जो कि लाल धोती पहने रहता है इस मूर्ति में वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ प्राण फूँकता है जिसे कि “प्राणप्रतिष्ठा” कहा जाता है। दस दिन तक अर्थात अनंत-चतुर्दशी तक गणेश प्रतिमा का नित्य विधिपूर्वक पूजन किया जाता है, ग्यारहवें दिन इस प्रतिमा को किसी स्वच्छ जलाशय जैसे कि नदी अथवा सागर आदि में प्रवाहित (विसर्जित) कर दिया जाता है।
2018 में कब है गणेशोत्सव
2018 में गणेश उत्सव 13 सितंबर को गणेश चतुर्थी से लेकर दस दिन यानि 23 सितंबर अनंत चतुर्दशी के दिन तक चलेगा। अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमा के विसर्जन के साथ गणेशोत्सव संपन्न होता है। गणेश चतुर्थी के दिन व्रती को चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिये इससे चंद्र दोष लग सकता है जिसमें व्यक्ति को मिथ्यारोपों का सामना करना पड़ सकता है।
गणेश उत्सव 2018 तिथि व मुहूर्त
गणेश चतुर्थि तिथि – 13 सितंबर 2018
मध्याह्न गणेश पूजा – 11:04 से 13:31
चंद्र दर्शन से बचने का समय- 16:07 से 20:34 (12 सितंबर 2018)
चंद्र दर्शन से बचने का समय- 09:32 से 21:13 (13 सितंबर 2018)
चतुर्थी तिथि आरंभ- 16:07 (12 सितंबर 2018)
चतुर्थी तिथि समाप्त- 14:51 (13 सितंबर 2018)