अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के बहरोड थाने में कल गोलियां बरसाकर एक कुख्यात बदमाश्या विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर ले जाने के मामले में दो आरोपियों को विशेष कार्य बल ने आज गिरफ्तार कर लिया।
भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक डा अमनदीप कपूर ने वारदात का पूरा ब्यौरा देते हुए बताया कि छह सितम्बर को विकम गुर्जर उर्फ पपला गिरोह के सदस्य बहरोड पुलिस थाने पर हमला करके गोलियां बरसाते विक्रम उर्फ पपला को छुड़ाकर फरार हो गए।
पपला उर्फ विक्रम गुर्जर निवासी खारोली, थाना महेन्द्रगढ, हरियाणा का कुख्यात गिरोह सरगना हैं। जिसके विरुद्ध आठ मुकदमे दर्ज हैं जिनमें हत्या, अवैध हथियार के मामले हैं। इस पर हरियाणा पुलिस द्वारा एक लाख रूपये का इनाम भी घोषित किया हुआ है। पपला को आठ सितम्बर 2017 को महेन्द्रगढ न्यायालय से उसके साथी न्यायालय में गोलीबारी करके हरियाणा पुलिस की हिरासत से भगाकर ले गए थे तभी से यह फरार था।
उन्होंने बताया कि पांच-छह सितम्बर की रात बहरोड पुलिस ने पपला उर्फ विकम गुर्जर को एक स्कार्पियों एवं 31 लाख 90 हजार रूपये के साथ पकड़ा गया था। छह सितम्बर के सुबह नौ बजे उसके गिरोह द्वारा थाने पर हमला करते हुए गोलियां बरसाकर उसे छुड़ा ले गए थे।
इस घटना के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने एटीएस एवं एसओजी के विशेष कमाण्डो दस्ते और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा। पुलिस के विभिन्न दलों ने अपराधियों की तलाश शुरू की गई।
डा कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस के तालमेल से नाकाबन्दी एवं तलाशी शुरू की गई। यह मामला एसओजी के जिम्मे किया गया। एटीएस एवं एसओजी तथा जिला पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई में अपराधियों द्वारा उपयोग में लाई गई मारूति स्विफ्ट व हुण्डई आई-20 गाडियां बरामद की गई हैं।
इस मामले की जांच के दौरान दो आरोपी विनोद स्वामी निवासी जखराना, थाना बहरोड और कैलाश चन्द्र निवासी गुर्जरवास थाना सिंघाना,जिला झुन्झुनू को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि विनोद स्वामी पुलिस थाना बहरोड का हिस्ट्रीशीटर है और उसके विरूद्ध विभिन्न थानों पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उधर, सूत्रों ने बताया कि विनोद स्वामी बहरोड उपखंड के जखराना का सरपंच है जबकि कैलाश चंद्र उसका वाहन चालक है। गोलीबारी की घटना से पहले विनोद स्वामी विक्रम उर्फ पपला को छुड़वाने बहरोड थाने गया था। उस समय उसने पपला के कुख्यात गिरोह सरगना होने की जानकारी छुपा ली थी। इससे पुलिस पपला को पहचान नहीं पाई। इससे पुलिस अतिरिक्त सतर्कता नहीं बरत पाई।
पपला के पास 31 लाख रुपए बरामद होने से पुलिस ने विनोद के कहने पर उसे नहीं छोड़ा। घटना के बाद विनोद स्वामी की जानकारी जुटाई गई तो वह पुराना हिस्ट्रीशीटर निकला। उसके खिलाफ विभिन्न थानो में कई मामले दर्ज पाए गए। तब पुलिस ने उस धर दबोचा।