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पूर्णबंदी का पालन करते हुए खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट - Sabguru News
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पूर्णबंदी का पालन करते हुए खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट

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पूर्णबंदी का पालन करते हुए खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट

गंगोत्री/उत्तरकाशी। उत्तराखंड में स्थित पवित्र पावनी मां गंगा और यमुना के उद्गम स्थलों के सामीप्य मंदिरों को वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य ग्रीष्मकालीन दर्शनों के लिए खोल दिया गया। गंगोत्री में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से की गई।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण लागू राष्ट्रव्यापी पूर्णबन्दी के समस्त नियमों का अनुपालन करते हुए रविवार को गंगोत्री धाम के कपाट गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर आज दोपहर 12:35 बजे खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन के दौरान सामाजिक दूरी का पूर्ण रूप से पालन किया गया तथा सभी ने मास्क पहने हुए थे।

उल्लेखनीय है कि 25 अप्रेल को मां गंगा जी की डोली उनके मायके एवं शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी के लिए रवाना हुई थी। भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद मां गंगा की डोली आज सुबह सात बजे गंगोत्री के लिए रवाना होकर लगभग साढ़े दस बजे गंगोत्री धाम पहुंची। इसके बाद परम्परागत स्थापना कार्यक्रम विधि विधान से आयोजित हुआ।

धान में पहली पूजा प्रधानमंत्री की ओर से की गई। साथ ही, उनके द्वारा भेजे गए एक हजार एक सौ रुपये दान स्वरूप चढ़ाए गए। कपाट खोले जाते समय उप जिलाधिकारी भटवाड़ी देवेंद्र सिंह नेगी, सीएमओ डॉ. डीपी जोशी, सीओ कमल पंवार मन्दिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल उपस्थित रहे।

दूसरी ओर, यमुनोत्री धाम के कपाट भी सादगीपूर्ण ढंग से खोले दिए गए। मां यमुना की डोली सुबह 8.15 बजे खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए विदा हुई। यमुनोत्री धाम पहुँचने के बाद विशेष पूजा-अर्चना एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तय मुहूर्त 12 बजकर 41 मिनट पर मंदिर के कपाट सादगीपूर्ण ढंग से दर्शनार्थ के लिए खोले दिए गए।

इस अवसर पर, यमुनोत्री धाम में उप जिलाधिकारी सोहन सैनी, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल, सचिव कृतेश्वर उनियाल सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।

पुष्कर में अक्षय तृृतीया पर भगवान बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले

अजमेर। राजस्थान में अजमेर के पुष्कर में अक्षय तृतीया के अवसर पर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के चलते लॉकडाउन की सख्त पालना के बीच भगवान बद्री विशाल मंदिर के कपाट खोले गए और सादगी के साथ ब्रह्म मुहूर्त में मंगल आरती की गई।

मंदिर के पुजारी पंडित विजय स्वरूप महर्षि ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने की परंपरा है और इसे उत्सव के रूप में मनाया जाता है लेकिन महामारी के चलते आज पुष्कर में इसे बहुत ही सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आरती के दौरान दुनिया-देश को कोरोना मुक्ति के लिए तथा मानवता में सुख शांति, समृद्धि पुनः आए इसके लिए प्रार्थना की गई।

उल्लेखनीय है कि आज अक्षय तृतीया के दिन उत्तराखंड स्थित बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खोले जाने की परंपरा है जिसके अनुसरण में आज तीर्थराज पुष्कर में सादगी के साथ पूजा अर्चना, आरती के साथ कपाट खोलने का उत्सव मनाया गया।