बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली के ग्रामीण क्षेत्र में छह माह पहले सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से दु:खी दिव्यांग महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक महिला के तीन बच्चे बाहर खेलने चले गए थे। काफी देर बाद बच्चे घर लौटे तो महिला का शव कमरे के अंदर फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने पूछताछ की तो पति ने सामूहिक दुष्कर्म में कार्रवाई नहीं होने पर क्षुब्ध होकर खुदकशी करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान मारपीट का मामला सही मिलने पर पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी,लेकिन सामूहिक दुष्कर्म का मामला गलत पाए जाने पर केस एक्सपंज कर दिया गया था।
इससे खफा होकर मृतका ने 23 फरवरी को भी पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया था। इस पर पुलिय अधीक्षक ने इंसाफ का भरोसा देकर सामूहिक दुष्कर्म की जांच फतेहगंज पश्चिमी पुलिस को सौंप दी थी।
कुमार ने बताया कि मृतक महिला के पति पर मायके वालों ने ही हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया है। दुष्कर्म का मामला गलत मिलने पर एक्सपंज किया गया था। हालांकि महिला के कहने पर दूसरे थाने के इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी को जांच सौंपी गई थी और वह जांच कर रहा है।
उन्होंने बताया कि आरोपी जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी और प्रधान पुत्र पवन कुमार सिंह हाईकोर्ट से स्टे ले आए थे लिहाजा उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका। शेष दो आरोपियों को पुलिस काफी पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) ख्वाति गर्ग ने बताया कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मौत फांसी लगने से हुई है। पुलिस आगे विधिक कार्रवाई करेगी।