अजमेर। अनंत चर्तुदशी पर गुरुवार शहर में देर शाम तक गणपति विसर्जन की धूम रही। गणपति बप्पा मोरया के घोष से वातावरण गूंजता रहा। भगवान गणपति की 10 दिन की पूजा-अर्चना करने के बाद परंपरागत ढंग से ढोल तासे और पूरे उल्हास के साथ भगवान गणपति को विदा किया। गणपति विसर्जन के लिए आजाद पार्क में बनाए गए अस्थाई कुंड में विशेष व्यवस्था की गई। गणपति विसर्जन के लिए जुलूस के रूप में लोगों के गली मोहल्लों से निकलने के चलते यातायात पुलिस ने कई मार्ग पर ट्रेफिक डायवर्ट किया।
गणेश महोत्सव के अंतिम दिन पूर्वाहन बाद से ही शहर के विभिन्न इलाकों से लोग घर और मोहल्ले में स्थापित गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए निकल पडे। टेंपो, ट्रेक्टर, दुपहिया वाहनों पर सवार कर गणेश प्रतिमाओं को जुलूस के रूप में आजाद पार्क लाया गया। तपती दोपहर के बीच गणेश के जयकारे लोग नाच गाकर खुशी मना रहे थे। विसर्जन से पहले गणेशजी की आरती की रस्म से समूचा माहौल धर्ममय नजर आया।
अस्थाई रूप से बनाए गए कुंड में सिर्फ प्रतिमा विसर्जन की अनुमति दी गई। हवन व पूजन सामग्री कुंड में डालने पर रोक रही। इस बार डीजे का शोर भी सुनाई नहीं दिया। पुलिस ने गणपति विसर्जन के दिन डीजे के उपयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगाई हुई थी।
लोहागल तालाब में प्रतिमा विसर्जन
शहर के आनासागर समेत अन्य जलभराव वाले स्थानों पर बीते कई साल से प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगी हुई है। प्रदूषण की इस समस्या के निवारण के लिए नगर निगम ने आजाद पार्क में अस्थाई कुंड बनवाया हुआ है, कुंड में प्रतिमा विसर्जन किया जा सके। बाद में इस कुंड को साफ करा लिया जाता है। बावजूद इसके शास्त्री नगर, भोपो का बाडा, लोहाखान आदि इलाकों के बहुत से श्रद्धालुओं ने प्रतिमा विसर्जन के लिए लोहागल गांव स्थित तालाब का रुख किया। शास्त्री चु्ंगी नाके से लोहागल गांव तक दिन भर गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाने वालों का सिलसिला बना रहा।