जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा है कि गहलोत सरकार का बजट चुनावी बजट जैसा ही है, यह बजट से साफ जाहिर हो रहा है।
डाॅ. पूनियां ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गहलोत घोषणाजीवी हो गए हैं, वह भूल जाते हैं कि उनकी अपनी घोषणाओं में ही विरोधाभास था। उन्होंने कहा कि गहलोत जब गुरुशरण छाबड़ा के अनशन के दौरान गए थे तो उन्होंने शराबबंदी की मंशा जताई थी, वह कह रहे थे कि शराबबंदी को लेकर जन जागरूकता का अभियान चलाएंगे लेकिन उन्होंने ऐसा करने के बजाय शराब की दुकानें बढ़ा दी, वह इस तरह शराब परोस रहे हैं।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा था कि हमने आंधियों में भी चिराग जलाए हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इनके दीये टिम-टिमा रहे हैं, इसलिए राज्य में मध्यावधि चुनाव जैसी संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि गहलोत की बातचीत से, उनके चेहरे से, उनके आचरण से और इनकी बाॅडी लैंग्वेज से यह साफ तौर पर लगता है कि कभी भी चुनाव में जाना पड़ सकता है।