केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
जोधपुर। स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर राजस्थान सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने जनता का हक मारने का काम किया है, विपक्ष के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उन्हें चौराहे पर खड़ा करूं।
शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शेखावत मीडिया से रू-ब-रू हुए। आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य के लोगों का न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान ही ऐसा राज्य है, जहां जनता इससे वंचित है। अशोक गहलोत सरकार ने योजना का नाम बदलने की कोशिश भी की, लेकिन जनता को लाभ नहीं दिया।
विडंबना तो यह है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत एम्स जोधपुर में तमिलनाडु तक से कैंसर का इलाज कराने मरीज आते हैं, लेकिन राजस्थान के लोग वंचित हैं। अब तो स्थिति यह है कि राज्य सरकार को अपने लिए कोई बीमा कंपनी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है। एक-एक चीज का हिसाब मांगने वाली है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केंद्र सरकार से आर्थिक मदद न मिलने के आरोपों को नकारते हुए शेखावत ने कहा कि जैसे राज्यों की आय घटी है, वैसा ही केंद्र को नुकसान हुआ है। इसके बावजूद केंद्र ने पूरी मदद की है। बजट में घोषित 2500 करोड़ रुपए राजस्थान को दिए गए हैं। यदि आज के हालात से आकलन होता तो यह राशि 500 करोड़ ही बैठती, लेकिन विडंबना यह है कि जो पैसा राजस्थान को मिला है, उसका बड़ा हिस्सा वो खर्च ही नहीं कर रहा है।
राजस्थान के 20 लाख लोगों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि आए केवल 1.5 लाख लोग है, अन्य लोग कैसे आएंगे, के सवाल पर शेखावत ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश समेत कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की है। मुंबई, बेंगलूरु समेत दूसरे शहरों में कार्यरत संघों से वार्ता हुई है। हम सभी लोगों की घर वापसी सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रहे हैं।
आयुर्वेद चिकित्सा पर अधिक ध्यान न देने के प्रश्न पर शेखावत ने कहा कि ऐसा नहीं है। नरेंद्र मोदी सरकार ने तो आयुष मंत्रालय अलग से बनाया है। दुनिया में औषधि पौधों पर आधारित चीजों की मांग बढ़ी है। 4000 हजार करोड़ रुपए आत्मनिर्भर भारत में इसके लिए अलग से रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर का ही एक युवक आंध्र प्रदेश में अश्वगंधा की खेती करता है, जिसका कारोबार 400 करोड़ रुपए का है।
लॉकडाउन आगे और बढ़ाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में लॉकडाउन लगाने का उद्देश्य कोरोना की गति को रोकना और तैयारियों की गति तो बढ़ाना था, जिसे हमने हासिल कर लिया है। हम दूसरे देशों की स्थिति का आकलन कर उनसे सीख भी रहे हैं।
हमने देखा है कि कई देशों में लॉकडाउन खत्म होने के बाद केस बढ़े हैं और फिर उनमें गिरावट आई है। कोरोना के कारण अवसादग्रस्त हो रहे लोगों के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की जानकारी दी जाए, वो अपने परिचित मनोवैज्ञनिक दोस्तों से मदद कराएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने टूरिज्म सेक्टर को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री से बातचीत की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ के पैकेज के अलावा और भी मदद आगे की जानी है। जो सेक्टर बच गए हैं, उनकी सरकार मदद करेगी। शेखावत ने आत्मनिर्भर पैकेज की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमएसएमई को जो 3 लाख करोड़ का पैकेज मिला है, उसी में छोटे व्यापारी भी शामिल हैं।