जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा अरुण चतुर्वेदी ने विजयादशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन को प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं देने की कड़ी निंदा करते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रसित सोच के कारण यह अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया है।
डॉ. चतुर्वेदी ने अपने बयान में कहा कि हर साल आरएसएस पथ संचलन करता है। लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार की पूर्वाग्रह से ग्रसित सोच के कारण इस बार पथ संचलन को कोरोना गाइडलाइन की आड़ में अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों जयपुर में कांग्रेस के कई प्रदर्शन हुए। जिनमें मुख्यमंत्री समेत मंत्री शामिल हुए और कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गईं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन में हजारों की भीड़ में विधायक भी शामिल हुए, लेकिन तब कोरोना गाइडलाइन याद नहीं आई। यह राज्य की कांग्रेस सरकार की राजनीतिक सोच को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई मौकों पर कोरोना गाइडलाइन की चिंता नहीं हुई और जब विजयादशमी के अवसर पर आरएसएस की ओर से पथ संचलन का मौका आया, तो कोरोना गाइडलाइन का कारण बताकर अनुमति देने से इनकार कर दिया गया जबकि संघ के अधिकारियों ने कोरोना के दिशा-निर्देशों की पालना करने के लिए पहले ही आश्वस्त कर दिया था।
उन्होंने कहा कि विजयादशमी को संघ में विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता और भारत माता के चित्र के साथ शस्त्रों से सजे वाहन के साथ ही पथ संचलन की परम्परा संघ की स्थापना के वक्त से चली आ रही है। कांग्रेस सरकार की ओर से इसकी अनुमति नहीं देना सरकार की राजनीतिक सोच को दर्शाता है।
विजयदशमी पर पारम्परिक शस्त्र पूजन में जुटेंगे स्वयंसेवक
कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए विजयदशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इस बार बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम एवं पथसंचलन के स्थान पर सीमित संख्या में विजयदशमी उत्सव का आयोजन करेंगी। विजयदशमी उत्सव में 200 से कम उपस्थिति रखी जाएगी।
भारत में विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजन का आयोजन परंपरा से होता आया है। संघ स्थान पर शस्त्र पूजन और और शारीरिक कार्यकर्माे का प्रदर्शन रहेगा। घोष वादक देशभक्ति पूर्ण रचनाओं का वादन करेंगे।
हर बार संघ विजयादशमी पर पथ संचलन निकालता है, जिसकी पूर्व सूचना प्रशासन को देता है। इस बार कोरोना की विशेष परिस्थित के कारण प्रशासन से पथ संचलन निकालने की पूर्व अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं होने के कारण इस विजयादशमी पर इस बार पथ संचलन के बजाय संघ स्थान पर ही संचलन और प्रदक्षिणा संचलन रहेगा।
जयपुर महानगर में चार भाग और 29 नगर है। नगर योजनानुसार अनुसार सुबह अथवा सायंकाल 31 स्थान पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। सभी स्थान पर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा उद्बोधन भी होगा। महेश नगर में संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांतरंजन और करधनी नगर में क्षेत्रीय प्रोढ कार्य प्रमुख कैलाश चन्द्र का उद्बोधन होगा।
जयपुर प्रांत के कार्यवाह गेंदालाल ने बताया कि विजयदशमी उत्सव शक्ति उपासना का पर्व है। संघ की शाखाएं इसी रूप में इसे मनाती रही हैं। शक्ति की आराधना का पर्व होने के कारण से संघ शाखाओं के छह उत्सव में विजयदशमी का उत्सव सम्मिलित है यह उत्सव पूर्ण गणवेश में मनाया जाता है।