जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह गांधी परिवार को खुश करने के लिए केन्द्र सरकार की सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का विरोध कर रहे हैं।
डा पूनियां ने अपने बयान में शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने उन पर प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का षड़यंत्र करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि गहलोत को यह जमीनी हकीकत पता चल चुकी है कि राजस्थान में कांग्रेस की जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है, पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का माहौल है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जनता आतुर है कांग्रेस की प्रदेश से हमेशा की विदाई के लिए और अगले वर्ष भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं कल्याणकारी योजनाओं से तीन चौथाई बहुमत के साथ राजस्थान में सरकार बनाएगी।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात करना गहलोत और कांग्रेस के नेताओं को इसलिए शोभा नहीं देता कि देश पर आपातकाल कांग्रेस ने थोपा, अनुच्छेद 356 का दुरूपयोग कर सैकड़ों बार राज्य सरकारों को अस्थिर करने के षड़यंत्र रचे गए और राजस्थान में भी इस कांग्रेस सरकार के शासन में जिस भी कांग्रेस तथा अन्य विधायकों ने लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करा दिए गए और विधायकों की जासूसी के लिए पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा के एवं अन्य विधायकों को डराने धमकाने के लिए भी पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया, उनके घरों पर जासूसी के लिए पुलिस का पहरा बिठा दिया गया, क्या यह कार्यशैली लोकतंत्र की बात करने वाले गहलोत के लिए शोभा देती है।
उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए जयपुर में लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठा रहे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को कांग्रेस सरकार ने तानाशाही रवैये से गिरफ्तार कर उनकी आवाज को दबाया है और मुख्यमंत्री लोकतंत्र की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने से मुख्यमंत्री को किस बात का डर है, अगर डर नहीं है तो इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करनी चाहिए, जिससे प्रदेश के युवाओं को न्याय मिल सके।
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