भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के बाद पाकिस्तान विश्व के कई देशों में गुहार लगा चुका है, लेकिन उसे हर बार मुंह की खानी पड़ी है । अब पाकिस्तान को आखिरी उम्मीद जिनेवा में दिखाई दे रही है । कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पहुंचा है। वहीं
भारत भी पाकिस्तान के सामने कश्मीर पर अपनी कूटनीतिक लड़ाई लड़ने को तैयार है । केंद्र सरकार ने वरिष्ठ राजनयिक अजय बिसारिया के नेतृत्व में एक टीम जिनेवा के लिए भेजी है, जो संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर मुद्दे को लेकर अपना पक्ष रखेगी । पाकिस्तान की तरफ से पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जिनेवा में मौजूद होंगे जो मानवाधिकार निकाय के 42 वें सत्र को संबोधित करेंगे ।
मालूम हो कि कश्मीर मुद्दे को लेकर 16 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने कहा था कि भारत, कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है । पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर पर एक विशेष सत्र के लिए अड़ा हुआ है । पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर पर एक विशेष चर्चा हो या भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया जाए । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, जिनेवा में यह सत्र 9-27 सितंबर तक चलेगा और पाकिस्तान के पास इन दोनों प्रस्तावों के लिए नोटिस देने के लिए 19 सितंबर तक का समय है । सोमवार को यूरोपीय संघ की संसद में कश्मीर पर चर्चा होने की उम्मीद है ।
—शंभूनाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार—