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घोषित आपातकाल से अधिक खतरनाक अघोषित आपातकाल : घनश्याम तिवाड़ी
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घोषित आपातकाल से अधिक खतरनाक अघोषित आपातकाल : घनश्याम तिवाड़ी

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घोषित आपातकाल से अधिक खतरनाक अघोषित आपातकाल : घनश्याम तिवाड़ी
ghanshyam tiwari addressing bharat vahini party ceremony at birla auditorium in jaipur

जयपुर। विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान प्रदेश और देश में आज जो अघोषित आपातकाल लागू है वह घोषित आपातकाल से अधिक ख़तरनाक है। इस अघोषित आपातकाल के ख़िलाफ़ जनता की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए संघर्ष करने को मैं तत्पर हूं और कमर कस कर तैयार हूं। उन्होंने कहा कि पिछले आपातकाल के बाद यह सुनिश्चित हुआ कि कोई अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण देश में लोकतंत्र का दमन न कर सके।

वे मंगलवार को बिडला सभागार में आयोजित भारत वाहिनी पार्टी के प्रथम प्रदेश पदाधिकारी सम्मेलन व पार्टी के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अघोषित आपातकाल के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़कर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में कोई अहंकारोन्मादी अपनी सत्ता लोलुपता में लोकतांत्रिक संस्थाओं का गला न घोंट सके और देश की आगे आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर समाज और एक बेहतर देश-दुनिया मिले।

तिवाड़ी ने पार्टी का एजेंडा रखते हुए कहा कि भारत वाहिनी पार्टी चुनाव करती है एक ऐसे सवेरे का जिसमें तपस्या के आधार पर एक नई सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था निर्मित हो। ऐसी व्यवस्था जहां मनुष्य की चेतना रूपांतरित हो। जहां स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों की सिद्धि हो गई हो।

उन्होंने कहा कि भारत वाहिनी मानती है कि प्रत्येक मनुष्य में दिव्य संभावनाएं छिपी हुई हैं जिन्हें प्रकट किया जा सकता है तथा किया जाना चाहिए। हम जानते हैं कि यह सब करना सरल काम नहीं है। लेकिन भारत की आजादी का संघर्ष भी सरल काम नहीं था।

भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का काम, सामाजिक न्याय का काम, अनेकता में एकता के सिद्धांत के साथ विविधताओं से भरे इस प्राचीन राष्ट्र को एक आधुनिक राष्ट्र—राज्य बनाने का काम भी सरल नहीं था। परंतु अविश्वास का हमारे पास कोई कारण नहीं है। हमें भारत माता के प्रत्येक बच्चे की संभावनाओं और क्षमताओं पर विश्वास है। इस विश्वास को धारण कर हम ‘राजस्थान के नवनिर्माण का एजेंडा’ आपके सामने रख रहे हैं।

तिवाड़ी ने कहा कि राजनीतिक शुचिता, कार्यकर्ताओं को अनुशासन की सीख देने और राजनीतिक संस्कृति कायम रखने के लिए भारत वाहिनी पार्टी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने आधारभूत मुद्दों से ही किनारा कर लिया। विचारधारा के विपरीत धारा बह रही है, इस प्रवाह के लिए वाह किया जाए या आह।

तिवाड़ी ने कहा कि घोषणा पत्र में गोशाला को 9 माह का अनुदान देने का वादा किया था। मगर सत्ता में आने के बाद पिछली सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान को भी बंद कर दिया गया। जयपुर में ही हजारों गायों की मौत हुई, कोई देखने-पूछने वाला नहीं। उन्होंने कहा अकेले जयपुर में ही 300 मंदिर हटाए गए। विहिप, संघ और मजदूर संघ जैसे विचार परिवार के संगठन भी इस सरकार के काम काज से नाराज हो सड़कों पर आंदोलन करने के लिए उतर आए।

उन्होंने कहा कि पार्टी में लगातार कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। कांग्रेस में सारी उम्र ‘नौकरी’ करने यानी माल काटने वाले लोग मलाई खा रहे हैं और अपने कार्यकर्ता ‘खुरचन’ के लायक नहीं है। कार्यकर्ता क्या एमएलए और मंत्री तक कहने लगे हैं कि हमारी सुनवाई नहीं होती। सुनने को तो यहां तक है कि सुनवाई छोड़ो…सीएम मिलती तक नहीं है।

कांग्रेस के लोग यहां आकर आनंद लेने लगे हैं और यहां के लोग कोमा में हैं। प्रदेश में जिन लोगों ने अपना खून-पसीना बहा कर पार्टी को खड़ा किया था वे ही आज अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

तिवाड़ी ने तीखा हमला करते हुए कहा कि इस सरकार में ​मंत्रियों का हाल स्टाम्प जैसा है, सब के सब ‘ठप्पा मंत्री’ हैं। झिड़कियों और धमकियों से भयभीत एमएलए मौन रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्रियों के उपर सलाहकार के रूप में 38 लोगों की सुपर कैबिनेट बना दी है। इनके नाम पर करोड़ों रूपयों का भुगतान हो रहा है।

बोर्ड में बाहरी लोगों का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिनको राजस्थान के पूरे जिले या नक्शे तक का भी ज्ञान नहीं उन्हें बोर्ड के पदों पर बैठाया है, ये क्या खाक भला करेंगे। प्रशासनिक अमला ठप और पूरी तरह से भ्रष्टाचार में सक्रिय हो गया है।

तिवाड़ी ने कहा कि एक साल में छह महीने बाद विधानसभा सत्र बुलाते हैं और तीन घंटे में कार्यवाही कर समाप्त कर देते हैं। फिर गई छह म​हीने की यानी एक साल में महज 3 घंटे विधानसभा सत्र का संचालन। ऐसा आजादी के बाद से अब तक नहीं हुआ।

सत्तापक्ष में विधानसभा सत्र के दौरान ऐसा लगता है जैसे कर्फ्यू लगा हुआ हो। ये कैसा लोकतंत्र है जिसमें बहस करने की ही स्वतंत्रता नहीं रही। तिवाड़ी ने कहा कि विधायक दल का मतलब मौन सभा हो गया है, इस पर चुप रहने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।

राजस्थान के ​वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र प्राय: समाप्त हो गया है। एमएलए का विश्वास ही विश्वास मत माना जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। पार्टी के आम कार्यकर्ताओं का विश्वास अहमियत रखता है, जिसे सरकार ने खो दिया है। पार्टी में उम्मीदवारों के चयन की बात हो चाहे पदाधिकारियों के चयन की, हर जगह चापलूसों को ही तवज्जो दी जा रही है।

यहां योग्यता या का​बिलियत को गौण कर दिया गया है। कार्यकर्ताओं की जीवन भर की सेवा और तपस्या का कोई मोल नहीं रहा। संगठन में ऐसे लोग हावी हैं जिन्हें विचारधारा का तो ज्ञान है नहीं और अतीत भी संदिग्ध है। तिवाड़ी ने कहा कि जब नींव से जुड़े पत्थरों को उखाड़कर बाहर फेंका जा रहा हो तो क्या इमारत बुलंद रह पाएगी?

तिवाड़ी ने स्पष्ट शब्दों में समर्थकों को कहा है कि अब हमें खुद को मजबूत कर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि वाहिनी की बढ़ती शक्ति से सरकार की हालत खिसियानी बिल्ली खम्भा नौंचने जैसी हो गई है। इसलिए दबाव बनाने के लिए दमनात्मक कार्रवाई का सहारा ले सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को भय​भीत किया जा रहा है। मगर हम वे लोग हैं जिन्होंने आपातकाल का दंश झेला था, हम किसी से डरने वाले नहीं।

इससे पहले, सम्मेलन का आरम्भ झंडारोहण और वन्दे मातरम के गीत के साथ किया। इस दौरान कार्यक्रम में लगभग 2500 की संख्या में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, विशेष आमन्त्रित सदस्य, 39 जिलों तथा 200 विधानसभा क्षेत्रों से वाहिनी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

राजस्थान की राजनीतिक संस्कृति के नवनिर्माण के लिए भारत वाहिनी का गठन