रायपुर | छत्तीसगढ़ में मोतियाबिंद के प्रकरणों में अस्पताल प्रबंधनों की लापरवाही को देखते हुए छत्तीसगढ मेडिकल काउंसिल ने राजधानी के दो बड़े अस्पतालों से स्मार्ट कार्ड से इसके इलाज का अधिकार छीन लिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि देवभोग में हुई घटना के बाद डीएचएस द्वारा गठित जांच कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर यह फैसला लिया गया है। इसमें शहर से लगे हुए रिम्स मेडिकल कॉलेज और देवेंद्र नगर स्थित अस्पताल हो रही गंभीर लापवाहियों को देखते हुए दोनों ही अस्पतालों से छह माह तक स्मार्ट कार्ड से मोतियाबिंद के ऑपरेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।साथ ही दो अस्पतालों में फॉलोअप में लापरवाही पाए जाने पर उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।
उन्होने बताया कि संचालनालय द्वारा देवभोग में हुए प्रकरण के बाद राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य अधिकारियों के माध्यम से जांच कराई गई थी।जिसकी रिपोर्ट में विभिन्न अस्पतालों के द्वारा मोतियाबिंद के ऑपरेशन सहित फॉलोअप में भी गंभीर लापरवाही देखने को मिली इस आधार पर रजिस्ट्रार, छग मेडिकल काउंसिल, आरएसबीवाय अधिकारी, राज्य नोडल एजेंसी सहित अस्पताल प्रबंधनों की मौजूदगी में सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला लिया गया।