जीसीएनआई-एक्सेंचर सीईओ अध्ययन में पाया गया कि 86 फीसदी भारतीय सीईओ जानते हैं कि उनकी कंपनी कैसे अपने कारोबार के माध्यम से स्थायी विकास के लक्ष्यों में योगदान दे सकती है जबकि विश्वस्तर पर यह संख्या 78 फीसदी है।
बैंगलुरू युनाईटेड नेशन्स ग्लोबल कॉम्पैक्ट, न्यूयॉर्क के स्थानीय नेटवर्क ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया ;ळब्छप्द्ध ने अपने सालाना कार्यक्रम 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 8 जून 2018 को किया। सम्मेलन का विषय था- सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल्सः अ ब्लुपिं्रट फॉर एक्शन। कोरपोरेट्स, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों, सीईओ, सीएक्सओ, अकादमिक जगत के प्रतिनिधियों सिविल सोसाइटी संगठनों एवं यूएन एजेन्सियों के प्रमुखों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सम्मेलन का आयोजन एक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम यूएन इण्डिया बिजनेस फोरम के बाद किया गया, जिसका आयोजन संयुक्त रूप से जीसीएनआई एवं यूएन के द्वारा किया गया था, एक्सेंचर इस कार्यक्रम के लिए नॉलेज पार्टनर था। सम्मेलन का नेतृत्व श्री डे के होटा, सीएमडी, बीईएमएल ने किया।
अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के ज़रिए सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया, ओएनजीसी और बीईएमएल को बधाई देता हूं, जिन्होंने स्थायी विकास के लक्ष्यों पर इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है। भारत सरकार ने स्थायी विकास के लक्ष्यों में दृढ़ भरोसा दिखाया है, हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी स्थायी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। हमने अगले दो सालों में 10 फीसदी विकास का लक्ष्य तय किया है, ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि हम समावेशी विकास को सुनिश्चित करें। मेरा मानना है कि हम इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यथासंभव प्रयास कर रहे हैं। इन लक्ष्यों को विश्वस्तरीय लक्ष्य कहा जाता हैं, जो धरती को सुरक्षित रखते हुए सभी देशों की समृद्धि को सुनिश्चित करेंगे। इन लक्ष्यों के मद्देनज़र स्थायी विकास की जटिल चुनौतियों को असंगठित प्रयासों से हल नहीं किया जा सकता।’’
सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रवक्ताओं में शामिल थे- उद्देश कोहली (चेयरपर्सन, एडमिन कमेटी, जीसीएनआई), श्री यूरी अफानासीव (यूएन रेज़ीडेन्ट को-ऑर्डिनेटर भारत और भारत में यूएनडीपी के रेज़ीडेन्ट रीप्रेज़ेन्टेटिव), श्री श्शि शंकर (प्रेज़ीडेन्ट, जीसीएनआई और सीएमडी, ओएनजीसी), मिस स्यू एलचर्च (चीफ आउटरीच और एंगेजमेन्ट यूएनजीसी, न्यूयॉर्क), श्री विश्वेश प्रभाकर (एमडी सस्टेनेबिलिटी, एक्सेंचर स्ट्रैटेजी इण्डिया), डॉ एच चतुर्वेदी (डायरेक्टर, ठप्डज्म्ब्भ्), डॉ भास्कर चैटर्जी, महासचिव, भारतीय स्टील संगठन, श्री कृष शंकर, ग्लोबल हैड, एचआर, इन्फोसिस लिमिटेड, ब्रिगेडियर राजीव विलियम्स, कोरपोरेट हैड-सीएसआर, जिंदेल स्टेनलैस लिमिटेड, श्री अजय पोद्दार, प्रबन्ध निदेशक, सिनर्जी एनवायरोनिक्स, मिस वैशाली सिन्हा, डायरेक्टर, रीन्यू पॉवर, श्री कपिल मोहन, आईएएस, महासचिव, आवास विभाग, कर्नाटक सरकार आदि।
इस मौके पर श्री कमल सिंह, कार्यकारी निदेशक ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया ने कहा, ‘‘सम्मेलन का विषय ‘ब्लूप्रिन्ट फॉर एक्शन’ ऐसी पहलों पर रोशनी डालता है, जिनके द्वारा ही कारोबार स्थायी विकास के लक्ष्यों की दिशा में बढ़ सकते हैं और देश को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बना सकते हैं। ‘ब्लूप्रिन्ट फॉर एक्शन’ में कई अवधारणाएं शामिल हैं जैसे एसडीजी के लिए ओर्गेनाइज़ेशनल परफोर्मेन्स, सर्कुलर इकोनोमी आदि। आने वाले समय में भारत को इन्हीं अवधारणाओं का पालन करना होगा ताकि हम अपने इन लक्ष्यों को हासिल कर सकें। हमें ऐसे कदम उठाने होंगे ताकि स्थायित्व को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दी जाए। आज हम इसी उद्देश्य के साथ सम्मेलन में एकत्रित हुए हैं।’’
सम्मेलन के आकर्षण केन्द्र थे- जीसीएनआई-एक्सेंचर सीईओ स्टडी का लॉन्च, एक्सक्लुज़िव सीईओ पैनल, एसडीजी पर विशेष सत्र (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मानव अधिकारों के साथ कारोबार की स्थायी रणनीतियों का समेकन, किफ़ायती शहरी आवासः चुनौतियां एवं परिप्रेक्ष्य, एसडीजी फिलान्थ्रोपी प्लेटफॉर्म) और एसडीजी पर इनोवेटिव प्रेक्टिस अवॉर्ड्स 2018 पर विशेष सत्र।
भारतीय कारोबार एजेन्डा 2030- स्थायी विकास के लक्ष्यों में योगदान देने के लिए तैयोर है, 91 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना है कि स्थायी विकास के लक्ष्य करोबारों को एक विशेष दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। एसडीजी भारत में स्थायी क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों को 1 ट्रिलियॉन डॉलर के अवसर उपलब्ध कराते हैं, इनमें 2030 तक रोज़गार के 72 मिलियन अवसर पैदा करने की क्षमता है।
हाल ही में जीसीएनआई के अध्ययन में भारत की अग्रणी कंपनियों के सीईओ का ऑनलाईन सर्वेक्षण किया गया, इनमें 45 से अधिक कंपनियों के सीईओ और 15 से अधिक बिजनेस लीडर्स के साथ सर्वेक्षण किया गया। आज हमने इस सीईओ अध्ययन का लॉन्च भी किया है, जो निश्चित रूप से स्थायी विकास के लक्ष्यों को गति प्रदान करेगा। ‘ब्लूप्रिन्ट फॉर एक्शन’ ऐसी पहलों पर रोशनी डालता है, जिनके द्वारा ही कारोबार स्थायी विकास के लक्ष्यों की दिशा में बढ़ सकते हैं और देश को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बना सकते हैं।’’
अध्ययन में पाय गया है कि भारतीय सीईओ एजेन्डा 2030 से अवगत हैं। 86 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना है कि वे जानते हैं कि उनकी कंपनी कैसे अपने कारोबार के माध्यम से स्थायी विकास के लक्ष्यों में योगदान दे सकती है जबकि विश्वस्तर पर यह संख्या 78 फीसदी है। 86 फीसदी भारतीय सीईओ (75 फीसदी दुनिया भर में) ने बताया कि उनकी कंपनी के पास एसडीजी पर काम करने का कौशल और क्षमता है।
स्थायी प्रथाओं में इनोवेशन्स को सम्मानित करने के लिए ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया ने स्थायी विकास के लक्ष्यों पर दूसरे इनोवेटिव प्रेक्टिस अवॉर्ड का आयेाजन भी किया। अवॉर्ड के विजेताओं में शामिल हैं- कोरपोरेट प्राइेवेट सेक्टर (टाटा स्टील लिमिटेड), कोरपोरेट पब्लिक सेक्टर (ओएनजीसी), एनजीओ (इण्डिया सोसाइटी ऑफ एग्रीबिज़नेस प्रोफेशनल्स एण्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड फाउन्डेशन-एनएसई), बिज़नेस स्कूल (एसपी जैन इन्सटीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड रीसर्च, मुंबई)
एसडीजी पर कई सत्रों का आयोजन किया गया
* मानव अधिकारों का स्थायी कारोबार रणनीति में समेकन
* भारत में सभी लोगों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और आजीवन सीखने के अवसर प्रदान करना
* किफ़ायती शहरी आवासः चुनौतियां और परिप्रेक्ष्य
* भारत में स्थायी विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए परोपकारिता की भूमिकाः इम्पैक्ट इन्वेस्टमेन्ट, कैटेलिटिक फिलान्थ्रोपी और इनोवेशन
सम्मेलन में देश भर से 400 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिनमें सीईओ, सीएक्सओ, सरकारी अधिकारी, यूएन एवं द्विपक्षीय एजेन्सियां, सिविल सोसाइटी संगठन और कोरपोरेट्स शामिल थे।
ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया (जीेसीएनआई) के बारे में
ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इण्डिया का गठन 2000 में किया गया, इसे गैर लाभ संगठन के रूप में 2003 में पंजीकृत किया गया। यह युनाईटेड नेशन्स ग्लोबल कॉम्पैक्ट, न्यूयॉर्क के भारतीय स्थानीय नेटवर्क के रूप में काम करता है। यह दुनिया का पहला स्थानीय नेटवर्क है जिसे कानूनी तौर पर पूर्ण मान्यता प्राप्त है। जीसीएनआई सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र, कारोबारों, एनजीओ, सिविल सोसाइटी संगठनों के लिए राष्ट्रीय स्तर का प्लेटफॉर्म है जो 17 स्थायी विकास केे लक्ष्यों तथा यूएनजीसी के दस सार्वभौमिक सिद्धान्तों (मानव अधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार रोधी) की दिशा में काम करता है। यह भारत की सबसे बड़ी कोरपोरेट स्थायित्व पहल है जिसके देश भर में 350 से अधिक कारोबार एवं गैर-कारोबार प्रतिभागी, 400 हस्ताक्षरकर्ता हैं जो यूएनजीसी की प्रतिबद्धता को सशक्त बनाते हैं।