अहमदाबाद। गुजरात के गोधराकांड के पांच और अभियुक्तों में से दो को आज यहां साबरमती जेल में एक विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई तथा तीन अन्य को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
एसआईटी की अदालत के जज सीएच वोरा ने फारूख भाणा और इमरान उर्फ शेरू भटकु को उम्रकैद की सजा सुनाई जबकि हुसैन सुलेमान, कसम भेमेडी और फारूक धंतिया को रिहा कर दिया।
इन पांचों तथा एक अन्य कादर पटेलिया (जिसकी इसी साल दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई) को लगभग एक दशक से अधिक की फरारी के बाद 2015 और 2016 में अलग अलग स्थानों से पकड़ा गया था। ये सभी गोधरा के निवासी हैं। भटकु को महाराष्ट्र के मालेगांव से जबकि भाणा को गोधरा से ही पकड़ा गया था।
27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन के निकट साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगाने की घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी और उसके एक दिन बाद से ही गुजरात भर में दंगे शुरू हो गए थे।
गोधराकांड के नाम से कुख्यात इस मामले में मार्च 2011 में एसआईटी की विशेष अदालत ने उस समय के 94 आरोपियों में से 31 को दोषी ठहराया था और 63 अन्य को बरी कर दिया था। उन 31 में से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा दी गई थी। अक्टूबर 2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने 11 अभियुक्तों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। इसने निचली अदालत की बाकी सजा को यथावत रखा था।