मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने ‘हिंदू आतंकवादी’ संबंधी विवादित बयान के मामले में मक्कल निधि मय्यम के संस्थापक कमल हासन की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है।
अभिनेता से नेता बने हासन ने 12 मई को तमिलनाडु में करूर जिले के पल्लापट्टी में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि स्वतंत्र भारत का पहला आतंकवादी हिंदू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था। इसके बाद पुलिस ने इस बयान को लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
अरावक्कुरिची की पुलिस ने 14 मई को हासन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295ए के तहत मामला दर्ज किया था। हासन ने शिकायत दर्ज होने के बाद अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए मदुरै पीठ का दरवाजा खटखटराया था और दावा किया था कि उन्होंने धार्मिक समूहों या कुछ वर्गों के लोगों के बीच शत्रुता बढ़ाने के लिए यह बयान नहीं दिया था।
उन्होंने कहा कि बयान नाथूराम गोडसे पर दिया गया था, हिंदुओं को लेकर नहीं। नाथूराम गोडसे ने खुद ही अपनी किताब ‘वाई आई किल्ड गांधी’ में कहा था कि गांधी ने हिंदुओं के हितों के खिलाफ काम किया था और उन्हें विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
हासन ने अपनी याचिका में कहा था कि मैं दुनिया में लोगों के बीच भाईचारे और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता हूं और इसलिए मेरी अग्रिम जमानत मंजूर की जानी चाहिए।
न्यायालय ने 16 मई को याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि अच्छा होगा यदि मीडिया हासन के बयान का प्रसारण बंद कर देती है और राजनीतिक दल इस पर चर्चा करना बंद कर देते हैं।
न्यायाधीश बी पुगालेंधी ने सोमवार ने यह कहते हुए हासन की अग्रिम जमानत मंजूर की कि वह एक पंजीकृत राजनीतिक दल के नेता हैं और चुनावी प्रक्रिया अभी जारी है। न्यायाधीश ने हासन को 15 दिनों के भीतर जमानती बांड प्रस्तुत करने के लिए करूर जिले के संबंधित मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।