देश के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का आज काम के लिहाज से सर्वोच्च न्यायालय में आखिरी दिन है। हालांकि आज वह रिटायर नहीं हो रहे हैं। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय में शनिवार और इतवार को अवकाश रहने के कारण गोगोई का आज ही अंतिम दिन है।
17 नवंबर यानी रविवार को वह रिटायर हो रहे हैं। गोगोई को अपने ऐतिहासिक फैसले सुनाने के लिए याद रखा जाएगा। सीजेआई के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल साढ़े 13 महीने रहा। इस दौरान उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ ऐतिहासिक फैसले भी शामिल हैं।
रिटायर होने से एक सप्ताह पहले ही चार अहम फैसले गोगोई ने सुनाएं
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रिटायर होने से पहले के आखिरी दिनों में चार अहम फैसले दिए। राम मंदिर के निर्माण को हरी झंडी दी और अब सबरीमाला राफेल डील और राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना केस में अपना फैसला सुना दिया। सीजेआई को अयोध्या मामले, चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
रिटायरमेंट के अगले दिन ही गोगोई मनाएंगे अपना 65वां जन्मदिन
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 18 नवंबर को 65 साल के हो जाएंगे और चीफ जस्टिस के रिटायर होने की उम्र 65 साल है। 18 नवंबर को रंजन गोगोई का चीफ जस्टिस पद से रिटायर होने के बाद पहला जन्मदिन होगा। गौरतलब है कि रंजन गोगोई को 3 अक्टूबर 2018 को भारत का का मुख्य न्यायाधीश 46वां नियुक्त किया गया था। गोगोई का 18 नवंबर 1954 को जन्म हुआ था।
वर्ष 1978 में रंजन गोगोई ने वकालत शुरू की थी
रंजन गोगोई ने साल 1978 में बतौर एडवोकेट अपने करियर की शुरुआत की थी। रंजन गोगोई के पिता केशब चंद्र गोगोई असम मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जस्टिस रंजन गोगोई ने अपना करियर गुवाहाटी हाईकोर्ट में परमानेंट जज के तौर पर फरवरी 2001 में शुरू किया था।
2010 में उनका ट्रांसफर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया जहां 2011 में उन्हें हाईकोर्ट चीफ जस्टिस बना दिया गया। 23 अप्रैल 2012 से वह सुप्रीम कोर्ट के जज हो गए और अब नॉर्थ-ईस्ट भारत से देश के चीफ जस्टिस बनने वाले वो पहले शख्स हैं। डीयू के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हिस्ट्री से ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने लॉ की पढ़ाई शुरू करने से पहले यहीं से एमए भी किया था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार