कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्वर्ण तस्करी मामले की आरोपी स्वप्ना सुरेश की उस याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने राज्य के पूर्व मंत्री के टी जलील द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान हालांकि न्यायमूर्ति ज़ियाद रहमान एए की पीठ ने कहा कि वह अंतिम रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होंगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे मामले में मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के बाद उसके (स्वप्ना सुरेश) खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने (स्वप्ना सुरेश) आरोप लगाया कि जलील, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी पत्नी और उनकी बेटी सहित कई लोग स्वर्ण तस्करी में शामिल हैं। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि केरल अपराध शाखा ने उसे दंगा मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अपराध शाखा ने पूछताछ के लिए बुलाकर उन्हें परेशान किया।
उन्होंने कहा कि अपराध शाखा मुझे परेशान कर रही है। उन्हें साजिश की जांच करने दें। वे मुझसे पूछ रहे थे कि मैंने मुख्यमंत्री की बेटी वीना विजयन के स्वामित्व वाली कंपनी के व्यापारिक लेनदेन से संबंधित सभी डुप्लिकेट दस्तावेज कहां रखे हैं।
उन्होंने कहा कि अपराध शाखा ने उन्हें अपने वकील आर कृष्णा राज को हटाने कहा था। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों के दबाव में एचआरडीएस-इंडिया की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।