बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में अवैध रुप से वन्य जीवों के शिकार करने के मामले में जेल में बंद अंतर्राष्ट्रीय गोल्फर ज्योतिंदर सिंह रंधावा और उनके मित्र महेश विराजदार की जमानत याचिका खारिज हो गई है।
सोमवार को बहराइच जिला सत्र न्यायाधीश उपेंद्र कुमार की अदालत में रंधावा और उनके मित्र की जमानत याचिका पर तकरीबन डेढ़ घंटे तक बहस चली। दोनों पक्षों के वकीलों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
निचली अदालत से उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद यह मामला जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत पहुंचा, लेकिन अब यहां से भी उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई। अब रंधावा और उनके मित्र को जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी लगानी होगी।
वन विभाग के अधिवक्ता के साथ बचाव पक्ष के अधिवक्ता बृजपाल सिंह ने अपने-अपने तर्क रखे। बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख लिया। शाम को सुनाए आदेश में दोनों शिकारियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
गौरतलब है कि गत 26 दिसंबर को बहराइच के कतर्नियाघाट जंगल के मोतीपुर वन क्षेत्र के खपरा वन चौकी के पास रंधावा और उनके मित्र महेश को शिकार करते वन कर्मियों ने गिरफ्तार किया था।
इनके पास से शिकार किया जंगली मुर्गा और वन्यजीव की खाल, 22 राइफल ब्लेसर जर्मनी, तीन खाली कारतूस और 80 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए थे। वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल में बंद किया गया था।