जयपुर। मानसिक तनाव का मुख्य कारण हमारी नकारात्मक सोच के कारण होता है। हमारे मन में जिस तरह की सोच और विचार चलते हैं उसी के अनुरूप शरीर में हार्मोंस उत्पन्न होते हैं। जब हमारी सोच नेगेटिव होती है तो शरीर में बनने वाले कैमिकल से तनाव होता है।
ये बात मुरलीपुरा में भवानी नगर स्थित ब्रह्माकुमारी मेडीटेशन सेंटर में आयोजित 8 दिवसीय अलविदा तनाव शिविर के शुभारंभ अवसर पर रविवार को मुख्य वक्ता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी विजय बहन ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि तनाव से कई प्रकार की बीमारियां होती है, जिसका पीछे बहुत बडा कारण आधुनिक जीवन शैली भी है। सामान्यत: जीवन शैली में तीन बाते प्रमुख रूप से होती है पहला भोजन दूसरा व्यायाम और तीसरा आघ्यात्मिकता।
संतुलित भोजन, नियमित व्यायाम करके भी यदि मन में निगेटिव विचार, किसी के प्रति घृणा द्वेषभाव, बदले की भावना, भय आदि है, तो तनाव होता है। इससे बचने का उपाय आघ्यात्मिकता है। अगर हम 24 घंटें में से सिर्फ एक 1 घंटा आघ्यात्मिकता के लिए निकाले, मेडिटेशन करें तो तनाव मुक्त खुशनुमा जीवन जीया जा सकता है।
इस शिविर के अगले सात दिन में बताया जाएगा कि किस सोच से कौनसा कैमिकल शरीर में बनता है और उससे कौनसी बीमारी होती है। शुभावना दिवस के रूप में मनाने की सलाह दी और कहा कि आज सारा दिन मन में सब के प्रति शुभभावना रहे कि सबका भला हो, सब सुख पाएं।
शिविर संचालिका बीके हेमा बहन ने बताया कि इससे पहले सुबह छह बजे शिविर की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इस अवसर पर अजमेर की सब जोन प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व, राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीष बनवारी लाल, उद्योगपति जगन्नाथ, सीकेएस अस्पताल निदेशक डाॅ आरपी खैतान, अखिल भारतीय खाण्डल समाज अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के अघ्यक्ष जगदीश सोमानी, उद्योगपति मदनलाल शर्मा, पार्षद सुशील शर्मा, दिनेश कांवट आदि ने भाग लेकर शुभकामनाएं व्यक्त की।