कोलंबो। श्रीलंका पोडुजना पेरमुना पार्टी के गोताबाया राजपक्षे ने देश के सातवें राष्ट्रपति के रूप में सोमवार को शपथ ली और कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
गोताबाया ने अनुराधापुरा में रूवानवेली सेया बौद्ध स्तूप के समीप एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान वहां प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे वोट दिया और विजयी बनाया तथा अल्पसंख्यक समुदायों से आह्वान करता हूं कि वे देश की प्रगति के लिए मिलकर काम करें। मैं अपने देश से प्यार करता हूं और मुझे इस पर गर्व है। मेरे पास देश की प्रगति के लिए एक दृष्टिकोण है और मैं सभी से कहता हूं कि वे इस यात्रा में मेरा साथ दें।
उन्हाेंने कहा कि वह देश को बाैद्ध दर्शन के आधार पर आगे ले जाएंगे जो समानता और न्याय पर आधारित है। राष्ट्र की पांरपरिक धरोहर की रक्षा को सरकारी सहयोग से बचाने पर जाेर देते हुए राजपक्षे ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
श्रीलंका की विदेश नीति पर प्रकाश डालते हुुए राजपक्षे ने कहा कि हम अपनी विदेश नीति में तटस्थ रहना चाहते हैं और वैश्विक महाशक्तियों के बीच किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र की ओर से निर्धारित सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने की पूरी प्रतिबद्धता साबित करेंगे।
गोताबाया राजपक्षे ने अन्य देशाें से श्रीलंका की संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह किया है। उन्होंने श्रीलंका पोडुजना पेरमुना (एसएलपीपी) पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था और उन्हें रविवार को राष्ट्रपति के रूप में विजयी घोषित किया गया।