SABGURU NEWS | भोपाल मध्यप्रदेश सरकार ने आज विधानसभा में बताया कि प्रदेश में पिछले करीब सवा साल में 32 बाघों की मौत हो गई, हालांकि इसमें वरिष्ठ स्तर से कोई गंभीर लापरवाही नहीं पायी गयी।भारतीय जनता पार्टी विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के सवाल के लिखित जवाब में वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अभयारण्यों और जिलों के जंगलों में वर्ष 2017 से फरवरी 2018 तक की अवधि में कुल 32 बाघों की मौत हुई। इसमें वरिष्ठ स्तर से कोई गंभीर लापरवाही नहीं पायी गयी है। बाघों की मौत के अधिकतर मामले प्राकृतिक, दो बाघों के बीच लड़ाई और बीमारी से संबंधित है।
मंत्री ने कहा कि इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन अधिकारियों-कर्मचारियों और सुरक्षा श्रमिकों द्वारा दिन-रात गश्त कर वनक्षेत्र से गुजरने वाली विद्युत लाइनों की चैकिंग, वॉटरहोल चेकिंग, बैरियर से निकलने वाले वाहनों की चैकिंग नियमित रूप से की जा रही है। जगह-जगह पेट्रोलिंग कैम्प बनाकर गश्त की जा रही है, जिससे वन्यप्राणी अपराधों पर अंकुश लगा है। स्वान स्क्वॉड, राज्य स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेन्सियों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
एक समय टाइगर स्टेट का दर्जा पाए मध्यप्रदेश में इन दिनों बड़ी संख्या में बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। देश भर में इन दिनों बाघों की गणना की जा रही है, जिसके आंकड़े प्राप्त होने पर प्रदेश में बाघों की वास्तविक संख्या सामने आएगी।