
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सबगुरु न्यूज। केंद्र की मोदी सरकार गांधी परिवार की सुरक्षा और सुविधाओं में लगातार कटौती करती जा रही है। पिछले वर्ष नवंबर माह में गृहमंत्री अमित शाह ने बाकायदा संसद में विधेयक पारित कर गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा छीन ली थी। अब सरकारी बंगले को भी खाली करने का नोटिस दिया गया है। आज हम आपसे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर चर्चा करेंगे। प्रियंका गांधी काफी समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने को स्थापित कर जमीन तलाशने में जुटी हुईं हैं। प्रियंका लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार को निशाना भी बनाती रहती हैं।
बुधवार को जब केंद्र सरकार ने प्रियंका को दिल्ली स्थित लोधी स्टेट बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने की खबर सुर्खियों में रही। यहां हम आपको बता दें कि प्रियंका गांधी पहले से ही उत्तर प्रदेश में शिफ्ट होने की तैयारी करने में जुटी हुईं थीं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिफ्ट होने का प्रियंका का मुख्य उद्देश्य है कि 2 साल के अंदर उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका सक्रिय बनी रहे। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश में कार्यकर्ताओं और अपना बेस बनाना चाहती हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका का शुरू से ही उत्तर प्रदेश पर फोकस रहा है।
लोधी स्टेट दिल्ली का बंगला प्रियंका गांधी से खाली कराना कहीं मोदी सरकार का दांव उल्टा न पड़ जाए। अभी कुछ समय तक प्रियंका का लखनऊ में शिफ्ट होने का इरादा नहीं था लेकिन अब केंद्र सरकार के दिल्ली का सरकारी बंगला खाली करने के आदेश बाद वे जल्द ही लखनऊ में अपना नया आशियाना बना सकती हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जल्द ही लखनऊ में कौल हाउस में शिफ्ट कर जाएंगी। कौल हाउस इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल का है। आपको बता देंं कि दिवंगत शीला कौल रायबरेली से कांग्रेस की सांसद थी और केंद्र में मंत्री भी रही थीं।
उत्तर प्रदेश में होने वाली घटनाओं पर प्रियंका गांधी काफी आक्रमक भी हो जाती हैं
प्रियंका गांधी ने वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी। प्रियंका महासचिव बनाए जाने के बाद से यूपी में ज्यादा सक्रिय रही हैं। हालांकि इन चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को कोई खास फायदा नहीं हुआ था बल्कि कांग्रेस की परंपरागत सीट रही अमेठी से खुद राहुल गांधी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद प्रियंका गांधी को यह आभास हो गया था कि उत्तर प्रदेश ही उनका राजनीति में सुनहरा भविष्य है। यही वजह है काफी समय से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में होने वाली घटनाओं पर काफी आक्रमक भी हो जाती हैं। कई मामलों को लेकर प्रियंका और योगी का ‘ट्विटर वार’ भी हो चुका है।
प्रियंका गांधी का लखनऊ में शिफ्ट होने की तैयारी बेहद सधी हुई रणनीति का हिस्सा कहां जा सकता है। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रियंका का यूपी में दौरा कम हो गया था। ऐसे में लखनऊ शिफ्ट होना राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। लखनऊ में नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों के बीच प्रियंका गांधी ने पहुंचकर योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। चाहे वो मजदूरों के ले जाने के लिए बसों के इंतजाम का मुद्दा हो या फिर सोनभद्र के किसानों के नरसंहार के बाद का आंदोलन हो। अभी हाल ही में कानपुर में महिलाओं के गर्भवती होने के मामले में प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी सरकार पर तीखा हमला कर जवाब मांगाा था।
यूपी की राजनीति में प्रियंका की सक्रियता भाजपा के लिए जरूर बेचैनी बढ़ाएगी
प्रियंका गांधी ने यूपी के चुनावों से पहले लखनऊ में अपना बेस बनाने का फैसला पहले ही कर लिया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उनके कार्यों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पैनी नजर रखती हैं। तभी आए दिन दोनों के आरोप-प्रत्यारोप सुर्खियों में बने रहते हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को वाराणसी के बुनकरों के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था। प्रियंका ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के बुनकर जो आज अपने गहने और घर गिरवी रखकर गुजारा करने को मजबूर हैं।
उन्हें आर्थिक मदद का ठोस पैकेज ही तंगहाली से निकाल सकता है। प्रियंका गांधी ने पिछले दिनों बसपा प्रमुख मायावती पर भी भाजपा का पक्ष लेने पर हमला बोला था। प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, जैसे कि मैंने कहा था कि कुछ विपक्ष के नेता भाजपा के अघोषित प्रवक्ता बन गए हैं। यूपी के आगामी चुनावों और सियासी समीकरणों के चलते यहां वक्त देना कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा।
प्रियंका लखनऊ में शिफ्ट होंगी और अपना ज्यादा वक्त यूपी के अलग-अलग जिलों में बिताएंगी। प्रियंका गांधी के लखनऊ में शिफ्ट होने के लिए अभी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ऐसा उम्मीद नहीं कर रहा था। कहीं ऐसा न हो मोदी सरकार का प्रियंका गांधी का बंगला खाली कराने का दांव उल्टा पड़ जाए। ये सच है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका की यूपी की राजनीति में सक्रियता भाजपा के लिए बेचैनी जरूर बढ़ाएगी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार