नई दिल्ली। बचपन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण में डूबी सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के संचालन के लिए सरकार जरूरी वित्तीय मदद देना जारी रखेगी।
एयरलाइन को मौजूदा वित्त वर्ष में इक्विटी के रूप में 2,300 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता केंद्र सरकार द्वारा दी गयी है। लेकिन, यह प्रावधान सिर्फ चालू वित्त वर्ष के लिए था और एयरलाइन की विनिवेश योजनाओं के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। विनिवेश योजना खटाई में पड़ने से अब कंपनी को अगले वित्त वर्ष के लिए परिचालन के लिए वित्तीय मदद की जरूरत है।
इस साल लोकसभा चुनाव होने के कारण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाना है और नयी सरकार द्वारा पूर्ण बजट पेश करने से पहले जून-जुलाई तक एयर इंडिया के परिचालन के लिए जरूरी राशि को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई थी।
नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया “अभी यह तय नहीं किया गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए वित्तीय मदद किस तरह दी जायेगी, लेकिन मैं इतना जरूर कहा सकता हूँ कि समुचित प्रदर्शन मानकों पर कंपनी को परिचालन के लिए जरूरी मदद दी जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि कितनी राशि की वित्तीय सहायता दी जाएगी यह अनेक कारकों पर निर्भर करता है। जैसे कंपनी का राजस्व अभी 20 प्रतिशत बढ़ा है तो निश्चित रूप से उसके पास नकदी बढ़ी है और उसकी नकदी की जरूरत कम हुई है।
एक वित्त वर्ष 2,300 करोड़ रुपये की नकदी की जरूरत को देखते हुए तीन महीने में अप्रेल से जून तक उसकी जरूरत तकरीबन छह करोड़ रुपए हो सकती है।