जयपुर। पीएफ यानी प्रोविडेंट फंड में मौजूदा समय में सबसे अधिक ब्याज मिलता है। जो लोग नौकरीपेशा है उनके लिए पीएफ बचत का बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है। पीएफ का पैसा अधिकांश कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के दौरान काम आता है। लेकिन केंद्र सरकार अब पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को भी घटा सकती है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपको प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ की रकम की अहमियत के बारे में बखूबी पता होगा।
यह रकम भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे अहम फंड है। इसमें पैसा तो जमा होता ही है, साथ ही उस पीएफ पर ब्याज भी मिलता है। हालांकि अब पीएफ के रकम पर मिलने वाली ब्याज में कटौती हो सकती है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पीएफ की ब्याज दरें 8.65 फीसदी से कम कर सकता है। जनवरी के आखिरी हफ्ते में इस संबंध में एलान किया जा सकता है।
पीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज देने का किया था एलान
अगर मान लो आने वाले दिनों में केंद्र सरकार पीएफ पर ब्याज दर घट आती है तो करोड़ों लोग इससे प्रभावित होंगे। ऐसा होने की स्थिति में ईपीएफओ के 8 करोड़ से अधिक अंशधारकों को पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलेगा। बता दें कि श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले ईपीएफओ ने बीते मार्च, 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था। इससे पहले पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दर मिलता था। हालांकि सरकार को फंड के खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह ब्याज दर सही नहीं लग रही है। यहां हम आपको बता दें सरकार ने बैंकों में एफडी की ब्याज दर पहले ही घटा रखी है।
वित्त मंत्रालय पीएफ पर अधिक रिटर्न देने के पक्ष में नहीं है
बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि वित्त मंत्रालय पीएफ पर अधिक रिटर्न देने के पक्ष में नहीं है। मंत्रालय का तर्क है कि अधिक रिटर्न देने की स्थिति में बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना संभव नहीं होगा, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। वर्तमान में बैंकों में बचत खाता में जो ब्याज मिलता है वो 4 से लेकर 6 फीसदी के बीच है। वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में बैंक 5-8 फीसदी का ब्याज देते हैं। हालांकि बीते कुछ समय से एफडी की ब्याज दरों में लगातार कटौती देखने को मिल रही है । गौरतलब है कि इस समय देश की आर्थिक स्थिति सही नहीं चल रही है। पिछले कई महीनों से जारी मंदी ने रोजगार कारोबार सभी को प्रभावित कर रखा है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार