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Government continues to insist on hybrid vehicles - Sabguru News
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हाइब्रिड वाहनों पर जोर देती रही है मोदी सरकार

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हाइब्रिड वाहनों पर जोर देती रही है मोदी सरकार
Government continues to insist on hybrid vehicles
Government continues to insist on hybrid vehicles
Government continues to insist on hybrid vehicles

नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार बीते वर्ष 2019 में हाईब्रिड वाहनों के निर्माण और परिचालन पर जाेर देती रही तथा अगले तीन वर्ष के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किये जिससे 26 राज्यों के 64 शहरों के लिए 7090 बसें तथा अन्य वाहन खरीदे जाएगें।

सरकार का मानना है कि देश में ई. वाहनों के परिचालन के लिए प्रदूषण के कारण उत्‍पन्‍न होने वाले विभिन्न संकटों से निपटने और आम जनता को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाना आवश्‍यक है। इसके लिए राष्‍ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना 2020 लागू की गयी। यह योजना राष्ट्रीय ईंधन सुरक्षा को बढ़ाने, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रदान करने और भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को वैश्विक विनिर्माण के क्षेत्र में प्रमुख स्‍थान हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए तैयार की गई है।

बीते वर्ष मई में फेम योजना के दूसरे चरण को अंतिम रूप दिया गया इसमें अगले तीन साल के लिए 10,000 करोड़ रुपये जारी किये गये। इसके जरिए हाईब्रिड वाहनों के उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा और बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया जाएगा। इस राशि से 7090 ई.-बसें, पांच लाख ई. तिपहिया वाहन, 55 हजार ई.चार पहिया यात्री कारों और 10 लाख ई. दो पहिया वाहनों की खरीद को मदद देना है।

योजना के तहत लगभग 300 करोड़ रुपये की कुल लागत से विभिन्न शहरों के लिए 425 इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड बसों को मंजूरी दी है। कुल 425 ई. बसों में से 400 बसें इंदौर, लखनऊ, गुवाहाटी, जम्मू-कश्मीर, कोलकाता, हैदराबाद, शिमला और मुंबई जैसे विभिन्न शहरों में हैं। चार्जिंग का बुनियादी ढ़ांचा विकसित करने के लिए सरकार ने बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर जैसे शहरों और दिल्ली एनसीआर में लगभग 500 चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दी है। दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-जयपुर और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम चल रहा है।

ऑटोमोबाइल उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख उद्योगों में एक है। देश में लगभग प्रत्‍येक अंतर्राष्‍ट्रीय वाहन विनिर्माता मौजूद है। देश में दोपहिया वाहनों, तिपहिया वाहनों, यात्री कारों, हल्के व्‍यावसायिक वाहनों, ट्रकों, बसों, ट्रैक्टरों और भारी व्‍यावसायिक वाहनों जैसे सभी श्रेणियों के वाहनों का निर्माण होता है।

भारत दुनिया भर में दोपहिया और तिपहिया वाहनों का सबसे बड़ा तथा यात्री कारों का चौथा सबसे बड़ा निर्माता है। यह उद्योग देश के सबसे बड़े नियोक्‍ताओं में से एक है और लगभग तीन करोड 70 लाख प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार प्रदान करता है। वर्ष 2018-19 में सभी श्रेणियों के वाहनों की बिक्री लगभग दो करोड़ 60 लाख रही है जिसके वर्ष 2030 तक तीन गुना से अधिक बढ़कर आठ करोड़ 45 लाख हो जाने की संभावना है।

प्रति वर्ष होने वाले अरबों लीटर कच्चे तेल का आयात और उससे संबद्ध लाखों टन कार्बन डाईऑक्‍साइड और अन्य प्रदूषकों का उत्सर्जन देश के समक्ष आ रही उन मुख्य चुनौतियों में से हैं,जो सीधे तौर पर ऑटोमोबाइल क्षेत्र से संबंधित हैं।