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Government finally reduced interest on EPF before Holi - Sabguru News
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सरकार ने होली से पहले ईपीएफ पर आखिरकार घटा दी ब्याज

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सरकार ने होली से पहले ईपीएफ पर आखिरकार घटा दी ब्याज
Government finally reduced interest on EPF before Holi
Government finally reduced interest on EPF before Holi

नई दिल्ली। देश के करोड़ों लोग पिछले कई दिनों से केंद्र सरकार के उस फैसले का इंतजार कर रहे थे जिसमें उन्हें राहत मिलने वाली थी आखिरकार गुरुवार को सरकार ने उनको निराश कर दिया। यहां हम बात कर रहे हैं इपीएफ (एम्पलाई प्रोविडेंट फंड) की। होली से पहले कर्मचारियों को झटका देते हुए श्रम मंत्रालय ने इपीएफ पर ब्याज दर 8.65 से घटाकर 8.5% कर दी गई है।

केंद्र सरकार के इस फैसले से करोड़ों नौकरी पेशा लोगों पर असर पड़ेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 2019-202 के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि की दर को 8.5% तक कम करने का फैसला किया है। पहले यह 8.65% था।

पिछले कुछ वर्षों में ईपीएफ पर ब्याज ये रही है

वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 परसेंट की दर से ब्याज दिया गया था। इससे पहले इन ब्याज दरों में कटौती के कयास भी लगाए जा रहे थे। इससे पहले वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 परसेंट, 2017-18 के लिए 8.55 परसेंट और 2015-16 के लिए 8.5 परसेंट रही थी। आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दर को लेकर फैसला लेता है और इस फैसले को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होती है। ईपीएफओ की आय के मुताबिक ही ब्याज दरों का निर्धारण होता है।

ब्याज दर घटाने-बढ़ाने पर वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय में होती है सहमति

ईपीएफओ या कर्मचारियों के पेंशन की बात हो जब इसमें ब्याज दर घटाने हो या बढ़ानी हो तब केंद्र सरकार का श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय आपस में एक दूसरे से सलाह के बाद ही आगे बढ़ते हैं। वित्त मंत्रालय ईपीएफ ब्याज दर को पब्लिक प्रोविडेंट फंड और पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं से जोड़ने की बात कहता रहा है। ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की सहमति की आवश्यकता होती है, जबकि भारत सरकार इसकी गारंटी लेती है।

रिटायरमेंट के बाद पेंशनर्स को 1000 रुपए पेंशन दी जाती है जिसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि यह दोगुनी की जा सकती है। लगभग 6 करोड़ कर्मचारी कई दिनों से ईपीएफ में ब्याज बढ़ने को लेकर टकटकी लगाए हुए थे, लेकिन आज सरकार के इस फैसले से उनको निराशा जरूर हुई होगी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार