नसीराबाद। अजमेर जिले के नसीराबाद उपखण्ड के राजकीय सामान्य चिकित्सालय में कुछ डॉक्टरों रुखे व्यवहार के चलते आने वाले मरीजों को बिना उपचार के बैरंग लौटा देने की प्रवृति आम होती जा रही है।
इसकी एक बानगी बुधवार को तब देखने को मिली जब आपात कालीन चिकित्सा कक्ष में राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के महामंत्री अशोक लोढ़ा खुद अस्वस्थ होने के कारण अस्पताल पहुंचे। लोढा ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अर्चना गर्ग को जब उन्होंने बताया कि वे कफ आने से परेशान हैं, कृप्या परामर्श लिख देवें तथा जरूरत हो तो एक्सरे भी करा लूंगा।
इतना सुनते ही डॉक्टर गर्ग भड़क गई और यह कहते हुए उपचार देने से साफ इनकार कर दिया कि किसी फिजिशियन को दिखाओ, यह काम मेरा नहीं है। जबकि आपातकालीन सेवा में हर तरह के मरीज को देखा जाता है। कोरोना काल के चलते अधिकतर मरीज कफ, बुखार, जुखाम इत्यादि के ही आते हैं।
लोढा ने कहा कि अगर कफ का इलाज फिजिशियन को ही करना है तो किसी अन्य को आपात कालीन सेवा में बैठाने का क्या तुक है? शिकायतकर्ता लोढा ने इस मामले की लिखित शिकायत जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री एवं स्थानीय प्रशासन को दी है। इस संबंध में डाक्टर गर्ग से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर वे उपलब्ध नहीं हुई।