नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सरकारी हेलिकॉप्टर सेवा कंपनी पवनहंस में रणनीतिक विनिवेश की पुरानी बोली प्रक्रिया रद्द करते हुए कहा है कि नये सिरे से बोली प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
पवनहंस लिमिटेड में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है और शेष 49 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस अन्वेषण कंपनी ओएनजीसी की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अक्टूबर 2016 में रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए मंजूरी दी थी।
पिछले साल अक्टूबर में अभिरुचि पत्र आमंत्रित किए गए थे, लेकिन सिर्फ एक वैध अभिरुचि पत्र आने के कारण विनिवेश परवान नहीं चढ़ सका। सरकारी नियमों के अनुसार सिर्फ एक खरीदार होने की स्थिति में बोली प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। इसलिए पवनहंस के लिए बोली प्रक्रिया दोबारा शुरू की जानी है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि इस विषय पर 13 अक्टूबर 2़017 को अभिरुचि पत्र आमंत्रित करने के लिए जारी प्राथमिक सूचना पत्र रद्द कर दिया गया है।” उसने कहा है कि इस संबंध में जल्द ही आगे विवरण जारी किए जाएंगे।
इससे पहले इसी सप्ताह नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने भी कहा था कि पवनहंस के लिए अभिरुचि पत्र जल्द आमंत्रित किए जाएंगे।