जालंधर । पंजाब रोड़वेज कर्मचारी यूनियनों की संयुक्त एक्शन समिति के संयोजक मंगत खान ने सोमवार को अारोप लगाया कि राज्य सरकार परिवहन माफिया के दवाब के चलते नई परिवहन नीति को लागू नहीं कर रही है।
खान ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार परिवहन नीति लागू नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अप्रैल 2017 में कहा था कि राज्य रोड़वेज में नई बसें शामिल की जाएंगी लेकिन विभाग ने अभी तक एक भी नई बस नहीं खरीदी है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों पर मंत्रियों से सांठगांठ का भी आरोप लगाया। उन्होंने मांग की है कि सवा साल गुजर जाने पर भी परिवहन विभाग ने एक भी बस क्यों नहीं खरीदी इसकी जांच करवाई जाए।
खान ने बताया कि नई पेश की गई योजना में एसटूयू का हिस्सा कम किया जा रहा है तथा रोड़वेज की समय सारिणी में भी बदलाव किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो जनवरी 2018 को सरकार द्वारा जारी समय सारिणी को परिवहन विभाग के सचिवों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया। उन्होंने परिवहन मंत्री पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बताया कि रोड़वेज की बसों की बॉडी भी निजी कंपनियों द्वारा बनवाई जा रही है। विभाग में ठेका प्रथा के चलते हर माह विभाग को 75 लाख रुपये की हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री परिवहन सुश्री अरुणा विभाग में बड़े स्तर पर छोटे कर्मचारियों के तबादले की योजना बना रहीं है। उन्होंने कहा कि अगर तबादले किए गए तो समिति बस अड्डे बंद कर मंत्री के पुतले जलाएगी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मांग है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के 20 दिसंबर 2016 के फैसले को तुरंत लागू किया जाए जिसके तहत एक समान कार्य एक समान वेतन को लागू किया जाना है। पनबस को दी गई पंजाब रोड़वेज की संपत्तियों को वापिस किया जाए। रोड़वेज के कर्मचारियों को विभाग की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाए।