नई दिल्ली। बजट के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट नए और आत्मविश्वासी भारत की रूपरेखा देता है, यह आने वाले वर्षों में देश को स्वस्थ एवं समृद्ध बनाएगा। बजट में सभी वर्गों के कल्याण और विकास पर स्पष्ट ध्यान केंद्रित है, इसमें किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्रीय मंत्री समृति इरानी ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक बजट है।
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि बजट पहले की अपेक्षा काफी बड़ा है, स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों के लिए पहले की अपेक्षा बढ़कर पर्याप्त बजट आया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ये बजट प्रैक्टिकल, परफोर्मिंग और पीपल फ्रेंडली बजट है, हम तूफान से कश्ती निकाल कर लाए हैं, जिस तरह की स्थिति थी, इस बजट में गांव, गरीब, किसान, खेत-खलियान, नौजवान सबका ध्यान रखा गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला बजट है।
यह बजट नहीं केंद्र सरकार का लंबा भाषण था
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोजगारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने कहां कि मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। मुझे इसमें कोई ऐसा विचार नहीं दिखा जो रोजगार पैदा करने के लिए हो। गांधी ने कहा कि यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण हो सकता है लेकिन इसमें कुछ ठोस नहीं था। इसमें पुरानी बातों को दोहराया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और अखिलेश यादव ने भी की आलोचना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बजट से काफी उम्मीदें थी और इसके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बजट ने देश के किसानों और नौजवानों को निराश किया है। उन्होंने सवाल किया, उत्तर प्रदेश जहां सरकार खुद स्वीकार करती है कि नई पीढ़ी सबसे ज्यादा है। लेकिन नई पीढ़ी के सपनों को पूरा करने के लिए क्या है इनके पास, कहां है नौकरी, रोजगार और इन्वेस्टमेंट। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आयकर में दी गई छूट को राहत देने वाला बताया है। उन्होंने कहा एक अच्छी चीज शायद आयकर में दी गई छूट हो सकती है। 12.5 लाख के नीचे की आय वाले मध्यम वर्गीय परिवारों को इससे राहत मिलेगी। उसके अलावा बजट में कुछ खास नहीं लगा।
तृणमूल कांग्रेस और वामदल ने इस बजट को बेकार की संज्ञा दी
तृणमूल कांग्रेस ने बजट को लेकर आलोचना करते हुए कहा, ”सरकार ने ऐसे देश में बचत के लिए प्रोत्साहन को हटाया जहां सामाजिक सुरक्षा नहीं है, कर में मिलने वाली 100 में से 70 छूटों को वापस लिया’ वहीं माकपा ने कहा कि इसमें सिर्फ ‘बेकार’ की बातें हैं और यह लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इसमें ‘‘लोगों की दिक्कतें” दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सिर्फ बेकार की बातें और जुमले हैं। इसमें लोगों की दिक्कतें दूर करने, बढ़ती बेरोजगारी, गांवों में मजदूरी भुगतान संकट, परेशान किसानों की आत्महत्या करने जैसी समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है।
बजट के दौरान वित्तमंत्री ने की पीएम की प्रशंसा, विपक्षी नेताओं ने किया हंगामा
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कविता से तुलना करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के काम गिनवाए जिसपर हंगामा हो गया। जैसे-जैसे निर्मला कविता की लाइन पढ़ती रहीं, विरोध के स्वर तेज होते गए। विपक्ष इस पर लाल हो गया और सदन में हंगामा होने लगा। यह कविता तमिलनाडु के कवि तिरुवल्लुवर की थी, जिसमें अच्छे देश की क्या खूबियां होती हैं यह बताई गई थीं। कविता सुनाकर निर्मला ने दावा किया कि कविता में बताई गईं सभी खूबियां नरेंद्र मोदी सरकार में देश में आई हैं।
सीतारमण ने पहले कविता को तमिल में पढ़ा। फिर मतलब बताते हुए उन्होंने कहा कि कवि तिरुवल्लुवर बताते हैं कि एक अच्छे देश में पांच चीजें होती हैं। पहली कि वहां बीमारियां न हो, पैसा हो, अच्छी फसल हो, खुशहाली हो और जगह सुरक्षित हो। फिर मोदी सरकार से तुलना करते हुए उन्होंने मोदी की योजनाओं के नाम लिए और कहा कि उनसे देश खुशहाल हुआ है।
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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार