जयपुर। केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ का अमलीजामा तैयार कर लिया गया है। यह राशन कार्ड योजना 12 राज्यों में लागू होने से कार्ड धारकों को राशन लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जिन राज्यों में ये योजना लागू हो गई है उनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा शामिल हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इस साल 1 जून से पूरे देश में वन नेशन-वन राशन कार्ड लागू करने का लक्ष्य तय किया है।
पूरे देश में लागू होने के बाद कोई राशन कार्डधारी एक ही कार्ड से देश में कहीं से सरकारी राशन खरीद सकेगा। इसे राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी भी कहा जाता है। अभी कई राज्य ऐसे हैं जहां इस योजना को लागू नहीं है, लेकिन जल्द ही पूरे देश के सभी राज्यों में यह योजना लागू की जाएगी।
राज्य बदलने पर भी यह योजना का लाभ ले सकेगा राशन कार्ड धारक
इस योजना के अंतर्गत एक राशन कार्ड धारक अगर दूसरे राज्य में भी चला जाता है तो वह सरकारी राशन अपने कार्ड से ले सकेगा। जैसे मान लीजिए कि महाराष्ट्र में रहने वाला कोई व्यक्ति अगर सुदूर त्रिपुरा चला जाता है तो उसे नया राशनकार्ड बनवाने की जरूरत नहीं होगी और पुराने राशनकार्ड से ही त्रिपुरा में भी अपना सरकारी राशन खरीद सकेगा। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र का उपभोक्ता अपने राज्य में किसी भी सरकारी राशन की दुकान से अपना राशन खरीद सकता है। अभी तक कार्ड धारकों को राज्य बदलने पर सरकारी राशन नहीं मिल पाता था इनसे उन्हें बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अभिया योजना लागू होने से राशन लेने की परेशानी खत्म हो जाएगी।
1 जून से देश में लागू होगी योजना
केंद्र सरकार ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इस साल 1 जून से पूरे देश में वन नेशन-वन राशन कार्ड लागू करने का लक्ष्य तय किया है। पूरे देश में लागू होने के बाद कोई राशन कार्डधारी एक ही कार्ड से देश के किसी भी सरकारी राशन की दुकान से सरकारी राशन खरीद सकेगा। इस योजना से उन लोगों को ज़्यादा फ़ायदा होगा जो नौकरी या किसी अन्य वजह से एक जगह से दूसरी जगह आते जाते रहते हैं। बाकी बचे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए इन राज्यों में राशन की दुकानों के कम्प्यूटरीकरण, इन दुकानों में इलेक्ट्रॅानिक पॅाइंट आन सेल मशीनों को लगाने और उन्हें आधार से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है।
इस योजना के सुचारू रूप से चलने में कुछ मुश्किलें भी आने की आशंका है। जैसे इस योजना में इपीओएस मशीनों का इस्तेमाल होता है जिसके संचालन के लिए कनेक्टिविटी की शिकायतें आम हैं। कनेक्टिविटी की समस्या के चलते सुदूर स्थानों में जिस उपभोक्ता को इसका फ़ायदा लेना है उसकी पहचान करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार