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Government reduced monopoly of Mount abu SDM by constituting new committee - Sabguru News
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माउंट आबू में 2-1 से नई की कमेटी बनी, लेकिन त्वरित राहत कितनी मुमकिन!

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माउंट आबू में 2-1 से नई की कमेटी बनी, लेकिन त्वरित राहत कितनी मुमकिन!


सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान सरकार ने माउंट आबू के मामले में भवन निर्माण सामग्री की अनुमति देने के लिए बनी कमेटी में एसडीएम का एकाधिकार खत्म करते हुए स्वायत्त शासन विभाग ने नगर पालिका के दो और एसडीएम को इसमें शामिल किया है।

विधानसभा में संयम लोढ़ा द्वारा उठाये मामले के दौरान स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने उपखंड अधिकारी को इतना अधिकार दिए जाने की चिंता जताते हुए इस कमेटी को गठित करने का वायदा किया था। नई कमेटी गठित कर दी गई है। इसमे अध्यक्ष तो उपखंड अधिकारी ही रहेंगे, लेकिन नगर परिषद से इसमें आयुक्त और नगर पालिका अध्यक्ष भी होंगे। लोगों को इन अधिकारियों की वजह से कोई समस्या ना हो इसके लिए 15 दिन में समिति द्वारा अनुमति नहीं देने पर डीम्ड स्वीकृति मान ली जाएगी। लेकिन, हाल में एक कोर्ट केस के मामले में नई अनुमति देने की रोक की जद में ये कमेटी आएगी या नहीं ये सामने आना बाकी है।
– देवासी मार चुके हैं यू टर्न
माउंट आबू के नए उपखंड अधिकारी गौरव सैनी और माउंट आबू नगर पालिका बोर्ड के कथित गॉड फादर रतन देवासी के बीच लंबे अरसे से शीत युद्ध जारी था। दो अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस में देवासी ने माउंट आबू में भवन निर्माण सामग्री के लिए अनुमति जारी करने में भ्रष्टाचार की बात कही थी। तब भवन निर्माण के लिए सामग्री जारी करने का अधिकार सिर्फ उपखंड अधिकारी के पास थे।

इसके बाद उपखंड अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नगर पालिका में भ्रष्टाचार का खुलासा करने का दावा किया था। इसके बाद नगर पालिका कार्मिकों की नेताओं से टेलीफोनिक बातों की ऑडियो वायरल होने लगी। इसके बाद सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में भवन निर्माण सामग्री के सम्बंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया।

हाल ही में में होटल एसोसिएशन की बैठक में रतन देवासी ने पत्रकार वार्ता में  ये कहा था कि उनका प्रशासन से कोई विवाद नहीं है। इसे देवासी का यू टर्न माना जा रहा है। लेकिन, देवासी के इन यू टर्न के बाद भी कुछ बात बनी है ऐसा लगता नहीं है क्योंकि तीन दिन पहले ही माउंट आबू में ये चर्चा गर्म थी कि सालगांव में एक कथित एग्रीकल्चर लैंड पर निर्माण की कार्रवाई होनी है। लेकिन, जिला स्तरीय कोर्ट में अपील के बाद ये कार्रवाई रुक गई।
– जल्द इम्प्लीमेंटेशन पर संदेह
स्वायत्त शासन विभाग ने 16 मार्च को नई कमेटी गठित करके उसे भवन निर्माण सामग्री की अनुमति देने को अधिकृत कर दिया है। कमेटी द्वारा 15 दिन में अनुमति नहीं मिलने पर डीम्ड स्वीकृति मान लिया जाएगा। लेकिन, हाल ही में सम्पूर्ण अधिकार होने के बाद भी भवन निर्माण की अनुमति जारी नहीं करने का एक मामला राजस्थान हाई कोर्ट में पहुंच गया है।
इसमें फरियादी ने बताया कि ईको सेंसेटिव ज़ोन के लिये जारी नोटिफिकेशन के अनुसार निर्धारित जोनल मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज लागू किये जाने के बाद भी माउंट आबू नगर पालिका दूसरों को निर्माण अनुमति दे रही है लेकिन उनके  निर्माण की अनुमति नहीं दे रही है। इस पर राजस्थान हाई कोर्ट ने माउंट आबू नगर पालिका को अगले आदेश तक कोई अनुमति जारी नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इसमे अगली सुनवाई 5 अप्रैल को है। माउंट आबू में उपखण्ड अधिकारी और नगर पालिका की जंग में पिसती जनता की ओर से ऐसे और मामले भी न्यायालय में आने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि माउंट आबू नगर पालिका की भवन निर्माण समिति की बैठक होने वाली थी, लेकिन माउंट आबू के वर्तमान उपखण्ड अधिकारी ने वहां के कार्यवाहक आयुक्त रहते हुए बैठक के एक दो दिन पहले ही कुछ बिंदु पर मार्गदर्शन मांगने का एक कागज चलाकर इसे निरस्त कर दिया। उसके बाद उन्होंने और उनके बाद के आयुक्त ने अपने ही भेजे पत्र का राज्य सरकार से फॉलो अप नहीं लिया।
अब हाईकोर्ट के निर्देश पर स्पष्ट आदेश आने तक भवन निर्माण सामग्री की अनुमति जारी हो पाएगी या नहीं इस पर भी कोई अधिकारी टांग अड़ाकर काम अटकाने का काम नहीं करेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं। वैसे इस टोकन व्यवस्था को अवैध मानते हुए भी माउंट आबू होटल एसोसिएशन ने राजस्थान उच्च न्यायालय म3न वाद दायर किया हुआ है।