कोटा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश के बांधों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। पहली बार मोदी सरकार इस पर कानून लेकर आई, जो लोकसभा में पारित हो चुका है। सोमवार से प्रारंभ हो रहे सत्र में इसके राज्यसभा में भी पारित होने की संभावना है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान बांधों की सुरक्षा पर पूछे प्रश्न के उत्तर में शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा बांध हैं (पहले नंबर पर अमेरिका है)। अपने यहां 5800 से ज्यादा बड़े और मंझले आकार के बांध हैं। देश की संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप जल राज्यों का विषय है।
उन्होंने बताया कि 70 के दशक में गुजरात के मोरवी में हुए बांध हादसे के बाद बांधों का प्रोटोकाल बनने की बात हुई थी, क्योंकि दिन-प्रतिदिन बांधों का व्यय बढ़ रहा है। 20 प्रतिशत से ज्यादा बांधों की उम्र 75 साल से ज्यादा हो गई है। 50 प्रतिशत बांध तो 50 साल की उम्र को पार कर चुके हैं।
मोरवी हादसे के बाद बने आयोग ने भी यह सिफारिश की थी, लेकिन दुर्भाग्य से ये विषय बार-बार लटकाया जाता रहा, लेकिन मोदी सरकार पहली बार इस बाबत लोकसभा में कानून लाई, जिसे पारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि साथ ही एक आयोग भी बने, जो देशभर के बांधों की सुरक्षा पर काम करे। बांध का टूटना केवल जान-माल का नुकसान नहीं, बल्कि वो वहां के पूरे ईको सिस्टम को बदल देता है।
शेखावत ने बताया कि हमने तीन साल तक डैम रीअबिलटैशन एंड इम्प्रूपमेंट प्रोजेक्ट (ड्रीप) नाम योजना चलाई थी। इसके फेस वन में हमने सभी राज्यों को कहा था कि आप अपने किन बांधों का पुनरुद्धार करना चाहते हैं, उसकी सूची बनाकर दें। सरकार विदेशी संस्थाओं के साथ मिलकर राज्यों को सहयोग कर रही है।
दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार ने ड्रीप योजना में भागीदारी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि मैंने राजस्थान सरकार से कहा है कि हम 10 हजार करोड़ की दूसरी परियोजना ला रहे हैं, इसमें राजस्थान सरकार भी अपने बांधों को जोड़े। मुझे प्रसन्नता है कि राजस्थान सरकार ने इसमें रुचि दिखाई है।
हर घर नल से जल योजना पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस योजना की प्रगति बेहद धीमी है। मैंने राज्य सरकार से कहा है कि वो योजना में तेजी लाएं, ताकि माता-बहनों के जीवन की कठिनाई को दूर किया जा सके।