नयी दिल्ली । भारतीय नाविकों को बेहतर भविष्य का ख्वाब दिखाकर विदेश में छोड़ आने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने लोकसभा में आज स्पष्ट किया कि उसने इस पर अंकुश लगाने के लिए पंजीकृत एजेंसियों को आव्रजन से जोड़ दिया है।
जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कुछ एजेंसियां भारतीय नाविकों को ले जाकर विदेश छोड़ आती हैं, जहाँ उनका शोषण होता है। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पंजीकृत एजेंसियों को आव्रजन विभाग से जोड़ दिया है, ताकि रोजगार की तलाश में विदेश जा रहे नाविकों को गैर-पंजीकृति अथवा फर्जी एजेंसियों का शिकार होने बचाया जा सके।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने कहा कि देश में एक लाख 60 हजार नाविक हैं, जिनमें से एक लाख 20 हजार विदेशी बैनर वाली कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं और सरकार ने 478 एजेंसियों को मान्यता दी है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नाविकों की संख्या बढ़े, उनके साथ धोखा न हो और उन्हें उपयुक्त रोजगार भी मिले।
उन्होंने बताया कि फिलहाल देश में महिला नाविकों की संख्या चार हजार है, लेकिन सरकार इसे बढ़ाने की कवायद कर रही है। उन्होंने कहा, “हालांकि नाविक का कार्य कठिन है, लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को शामिल करने के प्रयास जारी हैं।”