नई दिल्ली। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2020 में जब दुनिया के प्रमुख देशों में 5जी सेवा शुरू होगी, उसी समय देश में भी इस सेवा को शुरू करने की तैयारी चल रही है और इसके लिए विस्तृत रेाडमैप तैयार कर लिया गया है।
सिन्हा ने यहां तीन दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह इस कांग्रेस का दूसरा वर्ष है और इसमें भाग लेने वाले प्रतिनिधियों, कंपनियों और देशों में संख्या में भारी बढोतरी हुई है। इस वर्ष इसमें 300 से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं।
इसमें पांच हजार प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है और दुनिया भर के 20 देशों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो रहे हैं जिनमें कंबोडिया के डाक एवं दूरसंचार मंत्री ट्रम एल टेक, म्यांमार के परिवहन एवं संचार मंत्री सू थांत सिन माउंग, लाओ पीडीआर के मंत्री बी. खेन्नावोंग और नेपाल के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि 5जी के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी जिसने विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया है। इसके लिए स्पेक्ट्रम पर भी काम जारी है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु जैसे प्रमुख संस्थानों और उद्योग के सहयोग से 5जी प्रौद्योगिकी टेस्ट बेड बनाए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य 5जी आधारित प्रौद्योगिकी, उत्पादों तथा एपलिकेशनों आदि के डिजाइन, विकास एवं विनिर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भागीदार बनना है।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 में अलगे पांच साल की रूपरेखा तैयार की गई है और इसमें सभी हितधारकों के साथ ही इस क्षेत्र में तीव्र विकास, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और नागरिक केन्द्रित डिजिटल संचार क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डाटा उपभोगकर्ता देश बन गया है। अभी हर महीने 3.4 अरब जीबी डाटा का उपभोग हो रहा है जो अमरीका और चीन के संयुक्त डाटा उपभोग से भी अधिक है।
सिन्हा ने कहा कि पिछले चार वर्ष में देश में दूरसंचार टावरों की संख्या आठ लाख से बढ़कर 18 लाख हो गई है। देश में ऑप्टिकल फाइबर की पहुंच भी सात लाख किलोमीटर से बढ़कर 14 लाख किलोमीटर हो गई है। भारत नेट परियोजना के तहत मार्च 2019 तक देश के सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोर दिया जाएगा।